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उथल-पुथल के बीच भी IPO बाजार रहा मजबूत, H1-2025 में जुटे 4.6 अरब डॉलर
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भारतीय शेयर बाजार भले ही बीते छह महीनों में उतार-चढ़ाव से जूझता रहा हो, लेकिन इसके बावजूद IPO बाजार ने स्थिरता और मजबूती का प्रदर्शन किया है।
EY की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) के दौरान कुल 108 आईपीओ के ज़रिए कंपनियों ने 4.6 बिलियन डॉलर का पूंजी निवेश जुटाया, जो बाजार की लचीलापन को दर्शाता है।
कम कंपनियाँ, लेकिन मजबूत क्वालिटी
हालांकि, इस दौरान आईपीओ की संख्या में पिछले साल की तुलना में 30% की गिरावट देखी गई, लेकिन फंड जुटाने में केवल 2% की मामूली कमी आई। इससे संकेत मिलता है कि कम कंपनियों ने शेयर बाजार में प्रवेश किया, लेकिन उनकी पेशकशें गुणवत्ता और आकार के लिहाज़ से प्रभावशाली रहीं।
टेक्नोलॉजी, फिनटेक और हेल्थकेयर सेक्टर ने इस अवधि में मजबूती के साथ अपना वर्चस्व कायम रखा।
सबसे बड़ा IPO: हेक्सावेयर टेक्नोलॉजी
इस साल की पहली छमाही में सबसे ज़्यादा पूंजी हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड ने फरवरी में जुटाई, जिसकी राशि 1 बिलियन डॉलर रही। इसके बाद मार्च में रोडस्टार इंफ्रा इनवेस्टमेंट ट्रस्ट ने 524 मिलियन डॉलर और जून में श्लॉस बैंगलोर लिमिटेड ने 410 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया।
सेक्टर-वाइज आईपीओ डेटा
इंडस्ट्रियल सेक्टर: 38 इश्यू – 1.7 बिलियन डॉलर
कंज्यूमर सेक्टर: 27 इश्यू – 230 मिलियन डॉलर
रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी व कंस्ट्रक्शन: 16 इश्यू – 676 मिलियन डॉलर
यह स्पष्ट करता है कि इंडस्ट्रियल सेक्टर इस बार भी निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है।
पिछले वर्षों से तुलना
वर्ष आईपीओ की संख्या (H1) जुटाई गई राशि (USD)
2021 50 4.7 बिलियन
2022 60 5.5 बिलियन
2023 81 4.7 बिलियन
2024 155 4.6 बिलियन
2025 108 4.6 बिलियन
इस तुलना से यह साफ है कि 2025 में संख्या में गिरावट के बावजूद फंड जुटाने की क्षमता स्थिर बनी रही है।
BSE और NSE का प्रदर्शन
देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज – BSE और NSE – दोनों ने मिलकर इस छमाही में कुल 108 आईपीओ के ज़रिए 4.6 अरब डॉलर जुटाए, जो वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारतीय बाजार में निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।