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जेलेंस्की का पहला भारत दौरा संभव: पुतिन के बाद कूटनीतिक वार्ता को मिलेगी एक नई दिशा
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यूक्रेनी राष्ट्रपति अगले महीने भारत आ सकते हैं; दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंध और क्षेत्रीय शांति को मजबूत करना
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हालिया दौरे के बाद अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी अगले महीने भारत का दौरा कर सकते हैं। यह जेलेंस्की का पहला भारत दौरा होगा और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देने की संभावना है। हालांकि, अभी तक दौरे की निश्चित तारीख का ऐलान नहीं हुआ है।
इतिहास में देखें तो अब तक केवल तीन बार यूक्रेनी राष्ट्रपति भारत आए हैं—1992, 2002 और 2012 में। 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच भारत आए थे। इस बार का दौरा न केवल प्रतीकात्मक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत-यूक्रेन संबंधों को मजबूत करने का अवसर भी है।
सूत्रों के अनुसार भारत इस दौरे के माध्यम से रूस और यूक्रेन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है। पिछले साल पीएम मोदी पहले मॉस्को गए और पुतिन से मुलाकात की, जबकि कुछ ही हफ्तों बाद कीव जाकर जेलेंस्की से मिले। इस तरह भारत दोनों देशों से संवाद बनाए रख रहा है और क्षेत्रीय स्थिरता को प्रोत्साहित कर रहा है।
जेलेंस्की के भारत दौरे की योजना कई कारकों पर निर्भर करेगी, जैसे कि यूक्रेन में युद्ध की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय शांति पहल की दिशा और यूक्रेन की आंतरिक राजनीति। वर्तमान में जेलेंस्की सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों और राजनीतिक दबाव का सामना कर रही है, जो दौरे की रूपरेखा तय करने में असर डाल सकता है।
पीएम मोदी ने अगस्त 2024 में यूक्रेन दौरे के दौरान जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया था। उस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक शांति प्रयासों पर करीब तीन घंटे तक चर्चा की। जेलेंस्की ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर स्थिरता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
जेलेंस्की का दौरा भारत-यूक्रेन के आर्थिक, तकनीकी और कूटनीतिक सहयोग के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। अधिकारियों के अनुसार, दौरे में सुरक्षा, लॉजिस्टिक और कार्यक्रम की तैयारियों पर अंतिम बातचीत अभी चल रही है।
पुतिन के दौरे के दौरान भी भारत ने कूटनीतिक संतुलन बनाए रखा। मोदी और पुतिन की बैठक में ‘युद्ध’ शब्द की बजाय ‘संकट’ शब्द का प्रयोग किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच संवेदनशील मुद्दों पर संतुलित संवाद हुआ। जेलेंस्की का दौरा इसी रणनीति को आगे बढ़ाने का प्रयास माना जा रहा है।
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