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भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लिया गया संकल्प, विकसित राष्ट्र बनाने में उत्तर प्रदेश का रहेगा अहम योगदान
Digital Desk
विकसित भारत @2047 के लक्ष्य में शहरीकरण और रियल एस्टेट की निर्णायक भूमिका: मनोज कुमार सिंह
नई दिल्ली स्थित ताज पैलेस होटल में क्रेडाई (CREDAI) द्वारा आयोजित दो दिवसीय विकसित भारत @2047 राष्ट्रीय सम्मेलन का 20 दिसंबर को सफलतापूर्वक समापन हुआ। 19 से 20 दिसंबर तक चले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से जुड़े रियल एस्टेट, उद्योग और शहरी विकास से जुड़े प्रमुख व्यावसायिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया। सम्मेलन में उत्तर प्रदेश राज्य परिवर्तन आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार सिंह भी सम्मिलित रहे।

मनोज कुमार सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत @2047 भारत सरकार का एक दूरदर्शी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूर्ण होने तक भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध, सामाजिक रूप से समावेशी और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ विकसित राष्ट्र बनाना है। यह संकल्प तीन मूल स्तंभों—समावेशी विकास, आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व पर आधारित है।
मनोज कुमार सिंह ने कहा कि किसी भी देश के विकसित राष्ट्र बनने की कुंजी उसकी शहरीकरण की गति से जुड़ी होती है। उन्होंने बताया कि जब तक किसी देश की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरी नहीं होती और प्रति व्यक्ति आय 12,000 डॉलर के स्तर तक नहीं पहुँचती, तब तक वह विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता। वर्तमान में भारत में शहरीकरण लगभग 35 प्रतिशत है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह मात्र 23–24 प्रतिशत है, जो राज्य में सुनियोजित शहरी विकास की अपार संभावनाओं को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश के संदर्भ में उन्होंने बताया कि राज्य कृषि-प्रधान है, जहाँ 75 प्रतिशत भूमि कृषि के अंतर्गत और 86 प्रतिशत क्षेत्र सिंचित है। ऐसे में शहरीकरण को संतुलित और योजनाबद्ध ढंग से आगे बढ़ाना आवश्यक है।
मैकिंज़ी ग्लोबल इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अगले 15 वर्षों में जिन 18 सेक्टरों में सबसे अधिक वैल्यू एडिशन होगा, उनमें अर्बन कंस्ट्रक्शन पहले स्थान पर है। शहरी निर्माण क्षेत्र का आकार 190 बिलियन डॉलर से बढ़कर लगभग 500 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की संभावना है।
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मनोज कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि बीते सात वर्षों में यूपी देश का एकमात्र राज्य है जिसने न केवल अपना GDP बल्कि प्रति व्यक्ति आय भी दोगुनी की है, जबकि इस दौरान राज्य की जनसंख्या में लगभग चार करोड़ की वृद्धि हुई है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे नए शहरों का विकास यूपी को अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बनाता है।
रियल एस्टेट सेक्टर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र देश के GDP में 08–09 प्रतिशत का योगदान देता है, जो कंस्ट्रक्शन को जोड़ने पर 14–15 प्रतिशत तक पहुँच जाता है। यह सेक्टर 250 से अधिक उद्योगों को प्रभावित करता है और करोड़ों लोगों—विशेषकर अनस्किल्ड और सेमी-स्किल्ड श्रमिकों—को रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि बिल्डर समुदाय को सहयोग देने से सीधे तौर पर होमबायर्स और पूरी अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।
उन्होंने टूरिज्म, रेंटल हाउसिंग और डेटा सेंटर को रियल एस्टेट सेक्टर के भविष्य के बड़े अवसर बताते हुए कहा कि भारत को रियल एस्टेट को केवल खरीद-फरोख्त तक सीमित न रखकर एक दीर्घकालिक एसेट क्लास के रूप में विकसित करना होगा। पेंशन फंड, इंश्योरेंस कंपनियों और REITs की भागीदारी को उन्होंने इस दिशा में आवश्यक बताया।

अपने संबोधन के अंत में मनोज कुमार सिंह ने कहा कि रियल एस्टेट का भविष्य केवल निर्माण में नहीं, बल्कि ऑपरेशंस, पारदर्शिता और लॉन्ग-टर्म एसेट परफॉर्मेंस में निहित है। यदि इन बुनियादी सिद्धांतों पर कार्य किया गया, तो यही सेक्टर भारत और उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा का सबसे सशक्त इंजन बनेगा।
CREDAI के बारे में
कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (CREDAI) भारत में निजी रियल एस्टेट डेवलपर्स की शीर्ष संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष 1999 में भारतीय रियल एस्टेट उद्योग को संगठित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से की गई थी। वर्तमान में CREDAI 20 राज्यों के 230 शहर अध्यायों के माध्यम से 13,000 से अधिक डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करता है और नीति निर्माण में विभिन्न मंत्रालयों के समक्ष उद्योग का पक्ष प्रभावी रूप से रखता है।
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