लियोनेल मेसी आए और दिल जीतकर चले गए: एक सप्ताह बाद भी भारतीय प्रशंसकों के दिलों में उत्साह

Digital Desk

GOAT इंडिया टूर 2025 के समापन को एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन लियोनेल मेसी के भारत दौरे की भावनात्मक गूंज अभी भी भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों के दिलों में बसी हुई है।

13 से 15 दिसंबर तक कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई और नई दिल्ली में आयोजित इस तीन दिवसीय दौरे ने 2011 के बाद मेसी की भारत में पहली वापसी को यादगार बना दिया। लाखों प्रशंसकों के लिए यह सिर्फ एक प्रमोशनल इवेंट नहीं, बल्कि वर्षों के इंतजार के बाद अपने प्रिय खिलाड़ी को सामने देखने का भावुक पल था।

उस पीढ़ी के लिए, जिसने मेसी का जादू बार्सिलोना के दिनों से लेकर 2022 विश्व कप जीत तक मुख्य रूप से स्क्रीन पर ही देखा था, उन्हें जीवंत रूप से सामने पाना एक व्यक्तिगत और गहरा भावनात्मक अनुभव था। फैन मीट्स, युवा खिलाड़ियों से मुलाकात और सीधे संवाद ने इस दौरे को उस महान खिलाड़ी के करीब आने का अनोखा मौका बना दिया, जिसने आधुनिक फुटबॉल को नई परिभाषा दी है।

इन प्रशंसकों में दिल्ली की 18 वर्षीय जुड़वां बहनें ट्विशा और ट्यूलिप भी शामिल थीं, जिनके लिए यह जीवन का पहला बड़ा फुटबॉल इवेंट था। उनके जैसे कई युवा प्रशंसकों का मेसी से जुड़ाव हाइलाइट्स, देर रात के मैचों और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स के जरिए बना था।

“हमने मेसी को अब तक सिर्फ स्क्रीन पर ही देखा था,” ट्विशा ने बताया। “जब वे स्टेडियम में आए और हमने उन्हें सचमुच सामने देखा, तो सब कुछ वास्तविक लगने लगा। कुछ पल तो समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। यह बहुत भावुक करने वाला था। 

 

 

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ट्यूलिप ने इसे जीवनभर की याद बताया। “मैं पूरे समय मुस्कुराती रही। कभी सोचा नहीं था कि मेसी को सामने देख पाऊंगी। अपनी बहन के साथ, इतने प्रशंसकों के बीच वह पल अविश्वसनीय था। यह ऐसी याद है जिसके बारे में मैं जिंदगी भर बात करूंगी।”

वहीं अहमदाबाद के 33 वर्षीय परांशु कपाड़िया अपनी पत्नी अनु के साथ सिर्फ मेसी की एक झलक के लिए दिल्ली पहुंचे। वे जानते थे कि समय कम होगा, फिर भी अरुण जेटली स्टेडियम गए।

“मेसी को सामने देख लेना ही काफी था,” कपाड़िया ने कहा। “सालों से उन्हें फॉलो करता हूं, वह पल सपने जैसा था—जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।”

ट्विशा, ट्यूलिप और कपाड़िया जैसे प्रशंसकों ने दौरे की पीढ़ीगत विविधता को उजागर किया—जहां पहली बार आने वाले युवा पुराने फैंस के साथ खड़े थे। सबको एकजुट करने वाला मेसी का जादू था।

दौरे की शुरुआत कोलकाता में हुई, जहां मेसी ने 70 फुट ऊंची अपनी मूर्ति का अनावरण किया (वर्चुअली), लेकिन भीड़ प्रबंधन की कमियों से कुछ अफरा-तफरी हुई। इसके बाद हैदराबाद में युवा खिलाड़ियों के साथ क्लिनिक और हल्की प्रदर्शनी पर फोकस रहा, जो प्रेरणादायक साबित हुआ।

मुंबई में सबसे प्रतीकात्मक पल आया, जब मेसी की मुलाकात सचिन तेंदुलकर और सुनील छेत्री से हुई। अलग खेलों के इन दिग्गजों का एक मंच पर आना प्रशंसकों के लिए अविस्मरणीय था।

समापन दिल्ली में अरुण जेटली स्टेडियम में हुआ, जहां मेसी ने बच्चों के साथ खेला, ऑटोग्राफ दिए और प्रशंसकों से नजदीकी संवाद किया। मेसी ने स्पेनिश में कहा कि वे जरूर वापस आएंगे—शायद मैच खेलने।

एक सप्ताह बाद भी यह दौरा भरे स्टेडियमों की तस्वीरों से आगे व्यक्तिगत कहानियों में जीवित है। भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों के लिए मेसी का यह दौरा सिर्फ एक आयोजन नहीं था; यह उस आइकन के साथ दुर्लभ निकटता का पल था, जिसे उन्होंने दूर से वर्षों तक प्यार किया।

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