- Hindi News
- धर्म
- अलसुबह बाबा महाकाल का दिव्य पंचामृत अभिषेक, भांग-चंदन से भव्य श्रृंगार
अलसुबह बाबा महाकाल का दिव्य पंचामृत अभिषेक, भांग-चंदन से भव्य श्रृंगार
Ujjain, MP
पौष माह कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि—महाकाल नगरी का आज का सवेरा शिवभक्ति से सराबोर रहा। सुबह 4 बजे जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खुले, पूरे परिसर में घड़ियाल-ढोल की ध्वनि और ‘जय महाकाल’ के जयकारों ने वातावरण को पवित्र कर दिया। मंगलवार की भस्म आरती आज विशेष श्रृंगार, पंचामृत अभिषेक और शैव परंपरा के दिव्य अनुष्ठानों के साथ सम्पन्न हुई।
पंचामृत से महाकाल का अभिषेक — मंदिर में गूंजी शिव स्तुति
कपाट खुलते ही पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की। इसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर
दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बना पवित्र पंचामृत अर्पित किया गया।
महाअभिषेक के दौरान गर्भगृह शिवस्तुति, महामृत्युंजय मंत्र और ओंकार की ध्वनि से गूंजता रहा।
भस्म अर्पण की अनूठी परंपरा — हरिओम जल, मंत्रोच्चार और दिव्यता
भस्म अर्पण से पहले—
-
प्रथम घंटाल बजाया गया
-
हरिओम जल अर्पित किया गया
-
पुजारियों ने ध्यान-पूजन कर मंगलाचरण किया
कपूर आरती के उपरांत ज्योतिर्लिंग को ढांककर पवित्र भस्म अर्पित की गई, जो महाकाल आरती की सबसे अनोखी और प्राचीन परंपरा है।
💠 भांग-चंदन का अलौकिक श्रृंगार — रजत मुकुट और रुद्राक्ष माला
आज के दिव्य श्रृंगार में बाबा को विशेष अलंकरण से सजाया गया—
-
शेषनाग का रजत मुकुट
-
रजत मुण्डमाल
-
रुद्राक्ष की माला
-
सुगंधित पुष्पहार
-
भांग-चंदन से पारंपरिक लेप और अलंकृत श्रृंगार
श्रृंगार के बाद गर्भगृह में ऐसी दिव्यता छाई कि श्रद्धालुओं ने इसे सौभाग्य का क्षण बताया।
