कामदा एकादशी के दिन पूजा के समय पढ़ें ये व्रत कथा, करियर में मिलेगी कामयाबी!

Dharm Desk

हिंदू धर्म में कामदा एकादशी का बहुत महत्व है. इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है. इस दिन पूजा के समय व्रत कथा भी अवश्य पढ़नी या सुननी चाहिए. मान्यता है कि कामदा एकादशी के दिन व्रत कथा पढ़ने या सुनने से करियर में कामयाबी मिलती है.

हिंदू धर्म में एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है. एकादशी पर भगवान विष्णु का पूजन और व्रत किया जाता है. ये व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में कामदा एकादशी कामदा एकादशी कहलाती है. कामदा एकादशी के दिन विधि-विधान भगवान विष्णु की पूूजा और व्रत किया जाता है. कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है. जीवन खुशहाल रहता है. इस दिन पूजा के समय कामदा एकादशी व्रत कथा भी अवश्य पढ़नी या सुननी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से करियर में कामयाबी मिलती है.

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 7 अप्रैल को रात 8 बजे हो चुका है. वहीं इस तिथि का समापन आज यानी 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कामदा एकादशी का व्रत आज रखा जाएगा.

कामदा एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन समय में पुंडरीक नाम का एक राजा था. राजा हमेशा भोग विलास की चीजों में डूबा रहता था. उसका राज्य बहुत वैभवशाली था . उसके राज्य में अप्सराएं, गंधर्व और किन्नर रहते थे. उसके राज्य में ललिता नाम की एक बहुत ही सुंदर अप्सरा अपने पति के साथ रहती थी. ललित राज दरबार में गीत गाता और नृत्य करता था. एक दिन ललित राजा के सभा में गीत गा रहा था, लेकिन तभी उसका ध्यान अपनी पत्नी ललिता की ओर चला गया. जिससे उसका सुर और ताल बिगड़ गई. यह देखकर राजा पुंडरीक को बहुत क्रोध आया. उसने ललित को राक्षस बनने का श्राप दे दिया.

राजा के श्राप के चलते ललित मांस खाने वाला राक्षस बन गया. अपने पति का ये हाल देख ललिता बहुत दुखी हुई. अपने पति को ठीक करने का उपाय ललिता ने कई लोगों से पूछा. आखिरकार ललिता विंध्याचल पर्वत पर श्रृंगी ऋषि के आश्रम में गई. उसने श्रृंगी ऋषि को अपने पति को राजा द्वारा मिले श्राप के बारे में बताया. इसके बाद ऋषि ने ललिता को कामदा एकादशी का व्रत करने की सलाह दी.

ऋषि ने ललिता से कहा कि अगर तुम कामदा एकादशी का व्रत रखती है, तो व्रत के पुण्य प्रभाव से तुम्हारा पति ललित फिर से मनुष्य योनि में वापस आ जाएगा. ललिता ने ऋषि की बात मानकर पूरे विधि विधान से कामदा एकादशी का व्रत किया . व्रत के पुण्य प्रभाव और भगवान विष्णु की कृपा से ललिता का पति राक्षस योनि से मुक्त होकर फिर से मनुष्य योनि में आ गया. इस तरह से दोनों के जीवन के सारे कष्ट मिट गए. अंत में दोनों को मोक्ष प्राप्त हुआ.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. dainikjagranmpcg.comइसकी पुष्टि नहीं करता है.

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