वरुथिनी एकादशी 2025: व्रत से मिलते हैं पुण्य, उपायों से दूर होती हैं परेशानियां

Dharm Desk

भगवान विष्णु की विशेष कृपा पाने का उत्तम अवसर है वरुथिनी एकादशी

हिंदू पंचांग के अनुसार, वरुथिनी एकादशी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह एकादशी भगवान विष्णु के वराह अवतार को समर्पित मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा और नियम से व्रत करने से पापों से मुक्तिधन-समृद्धि, और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।

इस वर्ष वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल 2025, गुरुवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ यदि विशेष उपाय किए जाएं, तो घर-परिवार में सुख-शांति और शुभता का संचार होता है। आइए जानते हैं ऐसे 5 खास उपाय जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।


🪔 1. शंख से अभिषेक और पूजन करें

वरुथिनी एकादशी पर शंख से भगवान विष्णु का अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, शंख जल से अभिषेक करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसके बाद शंख को पूजाकर बजाएं — यह साधक को मनवांछित फल दिलाने में सहायक होता है।


🌊 2. घर में छिड़कें गंगाजल युक्त शंख का जल

एकादशी के दिन पूजा में प्रयुक्त शंख में गंगाजल भरकर घर के हर कोने में छिड़काव करें। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण में सकारात्मकता, सुख और समृद्धि का वास होता है।


🌿 3. तुलसी पत्र से करें श्रीहरि को प्रसन्न

भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है। वरुथिनी एकादशी के दिन जब भी भगवान को भोग अर्पित करें, उसमें तुलसी का पत्ता अवश्य शामिल करें। यह साधना को पूर्णता देता है और विष्णुजी की विशेष कृपा दिलाता है।


💛 4. पीले रंग का करें विशेष प्रयोग

वरुथिनी एकादशी पर पीले रंग का महत्व अत्यधिक है। इस दिन पूजा में पीले फूल, पीला चंदन, पीली मिठाई अर्पित करें और स्वयं भी पीले वस्त्र पहनें। इससे आकर्षण शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।


🕯️ 5. गाय के घी का दीपक जलाएं

भगवान विष्णु की पूजा में गाय के दूध से बने घी का दीपक जलाएं। यह न केवल आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है, बल्कि इससे विष्णु कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन में स्थायी सुख-शांति आती है।


📜 पारण मुहूर्त

वरुथिनी एकादशी का पारण 25 अप्रैल 2025, शुक्रवार को प्रात: 05:46 बजे से 08:23 बजे तक किया जाएगा। व्रतधारी इस समय में व्रत का विधिपूर्वक समापन करें और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा अवश्य दें।


🌼 नोट:
वरुथिनी एकादशी व्रत उन लोगों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है जिन्हें चलने-फिरने में कठिनाई होती है। यह व्रत उन्हें भी सुख, सुरक्षा और मानसिक बल प्रदान करता है।

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