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चैतन्य बघेल को हवाला और घोटालों में फंसे रहने के आरोप में ईडी ने किया गिरफ्तार, पेन-ड्राइव में मिले लेन-देन के दस्तावेज
Raipur, CG
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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया है।
ईडी ने उन पर शराब और कोयला घोटाले से लेकर महादेव ऐप प्रकरण तक में हवाला नेटवर्क के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है।
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, चैतन्य को करोड़ों रुपये की अवैध राशि कारोबारी पप्पू बंसल और होटल व्यवसायी विजय अग्रवाल जैसे माध्यमों से पहुंचाई गई। ये रकम हवाला चैनलों के जरिये देश के विभिन्न राज्यों में निवेश की गई थी। इस पूरी लेन-देन की जानकारी पेन ड्राइव और जब्त की गई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से मिली है।
मार्च 2025 में बस्तर, भिलाई और रायपुर में हुई ईडी की छापेमारी के दौरान पप्पू बंसल और विजय अग्रवाल से पूछताछ की गई थी। उनके बयान और जब्त दस्तावेजों की समीक्षा के बाद 18 जुलाई को रायपुर स्थित भूपेश बघेल के निवास पर फिर से कार्रवाई की गई, जिसके बाद चैतन्य को गिरफ्तार किया गया।
ईडी के वकील ने अदालत में बताया कि चैतन्य बघेल ने हवाला कारोबारियों के जरिये अलग-अलग राज्यों में निवेश कर संपत्तियां खरीदीं। जांच में यह भी सामने आया है कि एक होटल कारोबारी जो महादेव ऐप के कथित खजांची की शादी में शामिल था, उसने चैतन्य और ऐप के बीच संबंधों की पुष्टि की है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले चैतन्य का नाम 2023 के चुनावी माहौल में चर्चा में आया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 'सुपर सीएम' कहकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था। पीएम ने आरोप लगाया था कि भूपेश बघेल के बेटे ने प्रदेश में कारोबारी नेटवर्क खड़ा कर रखा था और सत्ता के दुरुपयोग में लिप्त थे।
चैतन्य की शिक्षा रायपुर और भिलाई के प्रतिष्ठित संस्थानों से हुई है। वे रियल एस्टेट सेक्टर में सक्रिय हैं और दुर्ग जिले में दो बड़ी हाउसिंग टाउनशिप विकसित कर चुके हैं। हालांकि राजनीतिक क्षेत्र में उनकी औपचारिक एंट्री अब तक नहीं हुई है।
इसके पहले भी जुलाई 2024 में एक कॉलेज प्रोफेसर से मारपीट के मामले में उनका नाम जांच में सामने आ चुका है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। वर्तमान में ईडी की जांच इस पूरे मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क और उससे जुड़े राजनीतिक और कारोबारी लिंक की पड़ताल में लगी है।