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खैरागढ़ में 17 लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया सरेंडर: 14 साल रही सक्रिय, कई हमलों की साजिश में थी शामिल
Khairagarh, CG
सुकमा की रहने वाली कमला सोड़ी उर्फ उंगी ने आईजी अभिषेक शांडिल्य के सामने हथियार डाले; तीन राज्यों में थी सक्रिय, शासन की नीतियों और पुलिस संवाद से हुई प्रभावित
छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में 17 लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (30 वर्ष) ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया। पिछले 14 वर्षों से नक्सल संगठन में सक्रिय रही यह महिला माओवादी नेटवर्क की हार्डकोर सदस्य थी। उसने आईजी अभिषेक शांडिल्य और पुलिस अधिकारियों के समक्ष अपनी इच्छा से आत्मसमर्पण किया।
तीन राज्यों में सक्रिय, एमएमसी जोन की थी महत्वपूर्ण सदस्य
कमला सोड़ी का नाम मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन में सक्रिय माओवादी दस्तों की सूची में लंबे समय से शामिल था। वह एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम में बतौर सदस्य काम करती थी और पुलिस बलों पर हमलों की साजिशों और रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाती थी।
सूत्रों के अनुसार, वह कई हिंसक वारदातों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रही। तीनों राज्यों—छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश—की पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर कुल 17 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
2011 में नक्सली संगठन से जुड़ी थी कमला
कमला सोड़ी का मूल निवास सुकमा जिले के अरलमपल्ली गांव में है। वर्ष 2011 में उसने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का दामन थामा था। उसके बाद वह गोंदिया जिले के जंगलों और सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय रही। समय के साथ वह संगठन की विश्वसनीय और रणनीतिक सदस्य के रूप में पहचानी जाने लगी।
पुलिस-प्रशासन की संवाद नीति से प्रभावित होकर किया आत्मसमर्पण
आईजी अभिषेक शांडिल्य ने बताया कि शासन की विकासोन्मुखी योजनाएं, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार तथा सिविक एक्शन कार्यक्रमों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में विश्वास का माहौल तैयार किया है।
सुरक्षा बलों द्वारा लगातार जनसंपर्क और संवाद के प्रयासों से नक्सली संगठन के सदस्य अब मुख्यधारा में लौटने लगे हैं। इन्हीं प्रयासों से प्रभावित होकर कमला सोड़ी ने हिंसा का रास्ता छोड़ने और समाज में फिर से शामिल होने का निर्णय लिया।
पुलिस ने कहा — बाकी नक्सलियों को भी मिलेगा मौका
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को शासन की नीति के तहत पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। वहीं, नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की सघन तलाशी और जनजागरण अभियान जारी रहेगा ताकि अन्य भटके हुए लोग भी समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
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