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थाना परिसर में नक्सली दंपति का विवाह: बंदूक के हाथों में सजी मेहंदी, नई जिंदगी की शुरुआत
बस्तर, CG

छत्तीसगढ़ के बस्तर से एक प्रेरणादायक खबर आई है। कभी जंगलों में बंदूक थामे रहने वाले नक्सली अब समाज की मुख्यधारा में लौट आए हैं। और उनके हाथों में अब मेहंदी और रिश्तों की डोर सजी है।
कांकेर जिले के पखांजुर थाना परिसर में रविवार को सागर हिरदो और सचिला मांडवी ने सात फेरे लेकर जीवनभर साथ निभाने का वादा किया। मंडप फूलों से सजा था और मंत्रोच्चार की ध्वनि के बीच यह आयोजन किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं लग रहा था।
अंधेरे से उजाले की ओर
सागर हिरदो वर्ष 2014 में नक्सल संगठन से जुड़ा था और दिसंबर 2024 में आत्मसमर्पण किया। सचिला मांडवी ने 2020 में संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटना शुरू किया। दोनों पुनर्वास योजना के तहत समाज में शामिल हुए और इसी दौरान उनकी पहचान हुई, जो विवाह में परिणित हुई।
समाज और पुलिस का समर्थन
पखांजुर थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट और गोण्डाहुर थाना प्रभारी रामचंद्र साहू ने इस जोड़े को नई शुरुआत के लिए प्रेरित किया।
उम्मीद की मिसाल
कभी जिन हाथों में बंदूक थी, अब उनमें मेहंदी सजी है। यह जोड़ा साबित करता है कि हिंसा की राह छोड़कर भी समाज में नई शुरुआत की जा सकती है। उनका विवाह सिर्फ दो लोगों का नहीं, बल्कि शांति और विश्वास से भरे नए बस्तर का प्रतीक बन गया है।