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15 दिसंबर महाकाल भस्म आरती: चंदन, भांग और त्रिपुंड से सजा त्रिकालदर्शी स्वरूप
Ujjain, MP
उज्जैन स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में पौष माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि, सोमवार तड़के भोर में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह ठीक 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए, जिसके साथ ही विधि-विधान से भस्म आरती संपन्न हुई।
कपाट खुलते ही पुजारियों ने गर्भगृह में विराजित समस्त देवी-देवताओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके पश्चात दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से महादेव का विशेष अभिषेक किया गया। मंत्रोच्चार और वैदिक विधानों के बीच पूरा मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।
भस्म आरती का दिव्य क्रम
भस्म अर्पण से पूर्व प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के पश्चात ज्योतिर्लिंग को वस्त्र से आच्छादित कर भस्म रमाई गई। इसके बाद भगवान महाकाल को रजत शेषनाग मुकुट, रजत मुंडमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की मालाएं अर्पित की गईं।
आज की भस्म आरती में भगवान महाकाल का चंदन, भांग और त्रिपुंड से त्रिकालदर्शी स्वरूप विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। अलंकरण के दौरान पुष्पों और आभूषणों की सुगंध से गर्भगृह भक्तिमय वातावरण में डूबा रहा।
श्रद्धालुओं ने लिया पुण्य लाभ
अलसुबह हुई भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उपस्थित होकर दर्शन किए और पुण्य लाभ अर्जित किया। भक्तों ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं कहकर आशीर्वाद लिया।
“बाबा महाकाल की जय” के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा और वातावरण भक्तिरस में सराबोर हो गया।
घर बैठे करें महाकाल दर्शन
श्रद्धालु जो उज्जैन नहीं पहुंच सके, वे श्री महाकालेश्वर मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भस्म आरती के लाइव दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

