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बालाघाट के जंगलों में 15 मिनट तक चली मुठभेड़: नक्सलियों की हलचल पर जवाबी कार्रवाई, सर्च ऑपरेशन अब भी जारी
Balaghat, MP

नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में एक बार फिर नक्सली गतिविधियों ने सिर उठाना शुरू कर दिया है। शनिवार को लांजी अनुविभाग के घिरी मुरूम-जोनापाठ इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच करीब 15 मिनट तक भीषण फायरिंग हुई।
जिले के एएसपी आदर्शकांत शुक्ल ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों ओर से हथियारों का इस्तेमाल हुआ, लेकिन फिलहाल फायरिंग थम चुकी है। क्षेत्र में सघन सर्च ऑपरेशन जारी है।
बालाघाट – नक्सली चुनौती से दशकों से जूझता इलाका
बालाघाट जिला पिछले तीन दशकों से नक्सली समस्या से प्रभावित रहा है। विशेष रूप से लांजी और बिरसा क्षेत्र को रेड ज़ोन माना जाता है। नक्सली अक्सर सीमावर्ती छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से आकर इस क्षेत्र में घुसपैठ करते हैं।
कौन-कौन बल मौके पर हैं?
मुठभेड़ की सूचना मिलते ही हॉकफोर्स, जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं। क्षेत्र में अब भी तलाशी अभियान चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ संदिग्धों के जंगल में छिपे होने की संभावना है।
पिछले महीने भी मारे गए थे 4 ईनामी नक्सली
गौरतलब है कि 14 जून 2025 को भी बालाघाट जिले के पचामा दादर-कटेझिरिया जंगल में बड़ी मुठभेड़ हुई थी, जिसमें चार ईनामी नक्सलियों को मार गिराया गया था।
इनमें शामिल थे:
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रीता उर्फ तुब्बी श्रीरांगु हिडामी
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तुलसी उर्फ रवि
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सुमन
ये सभी एसीएम स्तर के नक्सली थे और इन पर जीआरबी डिवीजन में सक्रियता का आरोप था।
बढ़ते खतरे की चेतावनी
सुरक्षाबलों का मानना है कि नक्सली अपने नेटवर्क को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। बीते कुछ हफ्तों में आवाजाही, राशन, और बम-बंदूक के मूवमेंट की खुफिया सूचना मिली थी, जिसे इस मुठभेड़ ने सही साबित कर दिया।