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भोपाल मेट्रो पर CMRS का कड़ा निरीक्षण: ट्रैक पर उतरी टीम, नवंबर में कॉमर्शियल रन की उम्मीद तेज
Bhopal, MP
तीन दिन के दौरे पर आई सुरक्षा आयुक्त की टीम मेट्रो में सफर कर रही है; ट्रैक, सिग्नलिंग, ब्रेक सिस्टम और स्टेशन सेफ्टी की बारीकी से जांच जारी।
भोपाल मेट्रो परियोजना को लेकर कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की टीम शुक्रवार को सीधे ट्रैक पर उतर गई। सुबह 10 बजे शुरू हुआ निरीक्षण शाम 4 बजे तक चलेगा। यह टीम मेट्रो ट्रेन में सफर करते हुए हर तकनीकी और सुरक्षा बिंदु पर फील्ड-टेस्ट कर रही है। तीन दिनों के इस दौरे को भोपाल मेट्रो के कॉमर्शियल रन से पहले का सबसे निर्णायक चरण माना जा रहा है। यदि रिपोर्ट संतोषजनक रही, तो नवंबर में यात्रियों के लिए मेट्रो चालू हो सकती है।
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नई दिल्ली से आई टीम—जांच कई स्तरों पर
सीएमआरएस की टीम गुरुवार को नई दिल्ली से भोपाल पहुंची। पहले दिन करीब आठ घंटे तक डिपो, ट्रैक, एम्स स्टेशन तक सिग्नलिंग सिस्टम और सुरक्षा उपकरणों की जांच की गई। इसके अलावा रानी कमलापति स्टेशन के पास ट्रैक पर पानी डालकर ढलान और ड्रेनेज की स्थिति भी मापी गई, ताकि बारिश के दौरान ट्रैक की क्षमता का आकलन किया जा सके। सुभाष नगर डिपो में परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट भी देखी गई थी।
शुक्रवार को ट्रेन में सफर करते हुए फील्ड टेस्ट
शुक्रवार को टीम ने ट्रैक निरीक्षण की दूसरी चरण की शुरुआत की। इस बार विशेषज्ञ ट्रेन की अंदरूनी स्थिति, ब्रेकिंग सिस्टम, इमरजेंसी निकासी व्यवस्था, स्टेशन सुरक्षा और ट्रैक अलाइनमेंट को ट्रेन से ही परख रहे हैं। शाम तक इस निरीक्षण के पूरा होने की संभावना है।
कौन हैं CMRS और क्यों अहम है यह रिपोर्ट?
सीएमआरएस किसी भी मेट्रो परियोजना को सुरक्षा की अंतिम मंजूरी प्रदान करता है। उनके 'ओके' के बिना किसी शहर में मेट्रो यात्री सेवा शुरू नहीं की जा सकती। यदि किसी बिंदु पर खामी मिलती है, तो उसे ठीक किए बिना संचालन की अनुमति नहीं मिलती। पिछले दो निरीक्षणों में जिन मुद्दों पर सुधार मांगा गया था, उन पर काम पूरा किया जा चुका है। इसलिए इस बार रिपोर्ट पॉजिटिव रहने की उम्मीद दिख रही है।
पहली बार भोपाल आए नए मेट्रो कमिश्नर
टीम के साथ नए मेट्रो कमिश्नर नीलाभ्र सेनगुप्ता भी मौजूद हैं। वे पहली बार भोपाल आए हैं। इससे पहले यह जिम्मेदारी जनक कुमार गर्ग के पास थी, जो रिटायर हो चुके हैं। टीम पहले जैसी ही है, इसलिए मंजूरी की प्रक्रिया में किसी बड़ी देरी की आशंका नहीं है।
अक्टूबर की बजाय नवंबर में मेट्रो चलने की उम्मीद
सरकार ने पहले अक्टूबर 2025 में मेट्रो चलाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन बिहार चुनाव व अन्य औपचारिकताओं के चलते कॉमर्शियल रन आगे बढ़ गया। सितंबर और अक्टूबर में दो निरीक्षण दौर पहले ही हो चुके हैं। अब तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण चल रहा है। दो स्टील ब्रिज पर लोड टेस्टिंग पहले ही सफल रही है।
आगे क्या?
सीएमआरएस टीम निरीक्षण पूरा करने के बाद रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। इसके बाद संचालन की अंतिम अनुमति मिलेगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल मेट्रो के पहले यात्री हो सकते हैं।
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