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बड़वानी में MSP को लेकर भड़का किसान आक्रोश: खेतिया मंडी में दो रात से प्रदर्शन, गुस्से में कहा– “अब बेटे को किसान नहीं बनाऊंगा”
Barwani, MP
समर्थन मूल्य पर खरीद की मांग तेज, मक्का के कम दामों पर किसानों का फूटा गुस्सा; सड़क पर अनाज डालकर जताया विरोध, प्रशासन के समझाने पर भी आंदोलन जारी।
बड़वानी जिले की खेतिया कृषि उपज मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की मांग को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। गुरुवार सुबह शुरू हुआ आंदोलन शुक्रवार को भी नहीं थमा। कड़ाके की ठंड और खुले आसमान के बावजूद किसान पूरी रात मंडी गेट पर डटे रहे। यह मामला आज की ताज़ा ख़बरों में प्रमुखता से शामिल है और स्थानीय पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी के रूप में ट्रेंड कर रहा है।
किसानों की मुख्य मांग: MSP पर अनिवार्य खरीद
किसान आरोप लगा रहे हैं कि मंडियों में व्यापारियों द्वारा मनमाने दाम लगाए जा रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा घोषित MSP के अनुरूप खरीद नहीं हो रही है। खेतिया क्षेत्र में मक्का, ज्वार, कपास और दलहन प्रमुख फसलें हैं, और इस बार अत्यधिक बारिश के कारण पहले ही उत्पादन प्रभावित हुआ था। किसानों का कहना है कि अब उपज तैयार होने के बाद भी यदि दाम नहीं मिले, तो उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी।
गुस्से में किसान की कड़ी टिप्पणी
प्रशासन की टीम—अपर कलेक्टर, एसडीओपी, मंडी सचिव और पुलिस अधिकारी—जब किसानों को समझाने पहुंची, तो कई किसानों ने अपनी पीड़ा और गुस्सा खुले तौर पर सामने रखा। इसी दौरान एक किसान ने भावनात्मक आक्रोश में कहा, "दाम नहीं मिलते तो मैं अपने बेटे को किसान नहीं, आतंकवादी बनाऊंगा"। यह बयान तेजी से चर्चा का विषय बन गया और क्षेत्र के माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया।
किसानों ने कहा कि उनका संघर्ष आर्थिक मजबूरी के कारण है। “मनाने से नहीं, न्याय मिलने से आंदोलन खत्म होगा,” उन्होंने साफ शब्दों में कहा।
मक्का के दाम बने विवाद का केंद्र
मंडी में दो दिन से बैठे किसानों का आरोप है कि उन्हें मक्का के केवल 6–7 रुपए प्रति किलो तक के दाम बताए जा रहे हैं, जबकि इस दर पर बेचना सीधा नुकसान है। विरोध जताने के लिए किसानों ने मक्का सड़क पर फेंककर प्रदर्शन भी किया। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई और राष्ट्रीय समाचार अपडेट में भी जगह बनाने लगी।
जयस ब्लॉक अध्यक्ष विजू सोलंकी ने कहा कि बारिश से फसल खराब होने के बाद किसान अब बची-खुची उपज बेचने आए हैं, लेकिन व्यापारी बेहद कम कीमत पर खरीदने का प्रयास कर रहे हैं। “न्याय तभी मिलेगा जब सरकार खुद आगे आकर MSP पर अनिवार्य खरीद की घोषणा करेगी,” उन्होंने कहा।
प्रशासन की कार्रवाई और आगे की स्थिति
मंडी प्रबंधन का कहना है कि किसानों की समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक भेजा गया है और खरीद व्यवस्था सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि प्रशासन के समझाने के बावजूद किसान स्थल से हटने को तैयार नहीं हैं और आंदोलन रातभर जारी रहा।
किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी उपज का उचित दाम सुनिश्चित नहीं होता, वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
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