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खंडवा में सांसद पाटिल का पुतला अर्थी पर रखकर निकाली शवयात्रा, किसान नेता ने मुंडन कर मुखाग्नि दी
Khandwa, MP
प्याज से सजाई गई अर्थी, महिला किसान भी शामिल, नाराजगी का कारण सांसद का वादाखिलाफी और प्याज मुद्दे पर कथित झूठ
जिले के टिगरिया गांव में शनिवार को किसानों ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के खिलाफ अपनी नाराजगी जताते हुए अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। ‘स्वतंत्र किसान जन आंदोलन’ के तहत किसान नेताओं ने पहले सांसद का पुतला दहन करने की योजना बनाई थी, लेकिन कार्यक्रम को बदलकर उन्होंने पुतले को अर्थी पर रखा और पूरे गांव में शवयात्रा निकाली।
इस दौरान विरोध इतना तीखा था कि किसान नेता त्रिलोक पटेल ने सार्वजनिक रूप से अपना सिर मुंडन कराया और पुतले को मुखाग्नि दी। विरोध प्रदर्शन में फूलों की जगह प्याज का इस्तेमाल किया गया, जो किसानों की नाराजगी का प्रतीक माना जा रहा है। महिला किसान भी शवयात्रा में शामिल हुईं और अर्थी के चारों ओर फेरे लगाए। सहभागी लोग ‘राम-राम सत्य है’ के नारे लगाते हुए चल रहे थे।
शवयात्रा को गांव के भीतर घुमाने के बाद रेलवे ट्रैक के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर किसान नेता त्रिलोक पटेल ने अपने मुंडन के बाद पुतले को आग के हवाले किया।
किसानों का आरोप है कि सांसद पाटिल ने पिछले हफ्ते ‘रेल रोको आंदोलन’ स्थगित कराने के समय उन्हें भरोसा दिलाया था कि वे कुछ दिनों में किसानों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलवाएंगे। लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया और न ही मंत्री या मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए समय लिया गया।
किसान नेताओं ने कहा कि सांसद पाटिल ने प्याज का मुद्दा लोकसभा में उठाने का झूठा दावा किया। वीडियो और रिकॉर्डिंग के अनुसार, सांसद ने केवल गन्ना किसानों का मुद्दा उठाया, क्योंकि उनका गृह जिला बुरहानपुर है। इस झूठे भरोसे से किसान अत्यधिक नाराज हुए, खासकर वे जो रेल रोको आंदोलन का हिस्सा बने थे।
विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह का प्रदर्शन किसान नेताओं की सत्ताविरोधी भावना और प्रतिनिधित्व की असंतुष्टि को उजागर करता है। इसका उद्देश्य सांसद और प्रशासन तक किसानों की मांग और आक्रोश पहुंचाना है।
स्थानीय प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है, लेकिन यह घटना खंडवा जिले में किसानों और राजनेताओं के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है।
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