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Personal Loan: लेने से पहले जानें फायदे और छिपे खतरे
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शादी का खर्च अचानक बढ़ जाए, घर की मरम्मत टालना मुश्किल हो या मेडिकल इमरजेंसी आ जाए—ऐसी स्थितियों में सबसे आसान विकल्प माना जाता है पर्सनल लोन। बिना गारंटी, कम कागज़ी प्रक्रिया और तेज अप्रूवल इसकी सबसे बड़ी पहचान है। कई लोग इसे “तुरंत समाधान” मान लेते हैं, लेकिन हर आसान चीज़ सही हो—ज़रूरी नहीं।
साल दर साल लाखों लोग पर्सनल लोन लेते तो हैं, लेकिन बाद में बढ़ती EMI और ऊंची ब्याज दरों से परेशान होकर पछताते भी दिखते हैं। इसलिए इससे पहले कि आप आवेदन करें, जान लें कि यह आपके लिए फायदेमंद है या आपके बजट पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है।
पर्सनल लोन के फायदे
1. पैसों की तुरंत उपलब्धता
इमरजेंसी में तेजी से पैसा मिलना बड़ी राहत देता है। कई बैंक और फिनटेक कंपनियां 24–48 घंटे में लोन मंजूर कर देती हैं।
2. बिना गारंटी के सुविधा
इसमें आपको न घर गिरवी रखना होता है, न गोल्ड। आपकी आय, नौकरी और क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर लोन मिल जाता है।
3. तय EMI से आसान फाइनैंशियल प्लानिंग
फिक्स्ड EMI होने के कारण हर महीने का खर्च पहले ही तय हो जाता है। इससे बजट बनाना और मैनेज करना सरल रहता है।
4. कहीं भी इस्तेमाल करने की आज़ादी
यह लोन किसी खास उद्देश्य के लिए बंधा नहीं होता। आप इसे—
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शादी
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यात्रा
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मेडिकल
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घर की रिपेयर
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अन्य पर्सनल ज़रूरतों
—किसी के लिए भी उपयोग कर सकते हैं।
5. क्रेडिट स्कोर को सुधारने में मदद
समय पर EMI भुगतान करने पर आपका CIBIL स्कोर लगातार बेहतर होता है, जिससे भविष्य में अन्य लोन लेना आसान हो जाता है।
6. कर्ज को एक जगह समेटने में उपयोगी
अगर आपके ऊपर कई लोन या EMI हैं, तो उन्हें एक पर्सनल लोन में बदलकर एक ही भुगतान करना आसान हो जाता है। इससे तनाव कम और प्रबंधन बेहतर होता है।
पर्सनल लोन के नुकसान
1. ब्याज दरें अधिक
क्योंकि इसमें कोई सुरक्षा नहीं ली जाती, इसलिए इसकी ब्याज दरें होम लोन या ऑटो लोन की तुलना में ज्यादा होती हैं।
2. EMI पेंच में फंसने का खतरा
एक बार लोन ले लिया तो EMI समय पर भरना अनिवार्य होता है। आय में कमी या नौकरी पर असर पड़े तो EMI बोझ जैसा महसूस हो सकता है।
3. जरूरत से ज्यादा लोन लेने का जोखिम
ऑनलाइन अप्रूवल आसान होने के कारण कई लोग अपनी वास्तविक जरूरत से ज्यादा लोन ले लेते हैं, जिससे बजट बिगड़ जाता है।
4. छिपे शुल्क बढ़ा देते हैं कुल लागत
प्रोसेसिंग फी, इंश्योरेंस प्रीमियम, प्रीपेमेंट चार्ज जैसे कई खर्चे बिल में जोड़कर कुल राशि बढ़ा देते हैं। दस्तावेज़ पढ़े बिना साइन करना नुकसानदेह हो सकता है।
5. क्रेडिट स्कोर खराब होने का जोखिम
बार-बार लोन के लिए आवेदन करना या EMI लेट होना क्रेडिट स्कोर को नीचे गिरा सकता है।
6. पैसे का गलत उपयोग
लोन किसी विशेष जरूरत से बंधा न होने के कारण इसे गैर-जरूरी खर्चों में लगा देना आसान होता है, जिससे फाइनैंशियल अनुशासन प्रभावित हो सकता है।
