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केंद्र का मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास पर जोर, पीएम मोदी ने की योजनाओं की समीक्षा बैठक
Jagran Desk
केंद्र सरकार मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मत्स्य पालन की प्रगति और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने तथा समुद्री खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया।
भारत की समुद्री मत्स्य पालन क्षमता लगभग 5.31 मिलियन टन आंकी गई है। देश के तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 3,477 तटीय मछली पकड़ने वाले गांव हैं, जो देश के कुल मछली उत्पादन का लगभग 72% हिस्सा और समुद्री खाद्य निर्यात का 76% हिस्सा प्रदान करते हैं।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने हाल ही में मुंबई में 255 करोड़ रुपये की मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन किया है। “कोस्टल स्टेटस फिशरीज मीटः 2025” के तहत केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के अंतर्गत 7 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।
मत्स्य पालन क्षेत्र ग्रामीण आजीविका और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। देश की विशाल तटरेखा और 2.02 मिलियन वर्ग किलोमीटर की एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) के कारण भारत समुद्री संसाधनों में समृद्ध है।
इसके अलावा, मत्स्य पालन मंत्रालय ने समुद्री मत्स्य पालन को मजबूती देने तथा सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें शुरू की हैं, जिनमें मैरिन फिशरिज सेंसेस ऑपरेशंस, टरटल एक्सक्लूडर डिवाइस (TED) प्रोजेक्ट और वेसल कम्युनिकेशन एंड सपोर्ट सिस्टम के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) शामिल हैं।
