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नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में गुकेश ने रचा इतिहास, वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को दी करारी शिकस्त
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भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट 2025 के छठे राउंड में इतिहास रचते हुए वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल फॉर्मेट में पहली बार हरा दिया। इस बड़ी जीत के बाद गुकेश अब टूर्नामेंट की अंक तालिका में 8.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। कार्लसन और अमेरिकी खिलाड़ी फाबियानो कारुआना 9.5 अंकों के साथ संयुक्त रूप से पहले स्थान पर बने हुए हैं।
गुकेश की यह जीत सिर्फ अंक तालिका की दृष्टि से नहीं, बल्कि मानसिक स्तर पर भी अहम मानी जा रही है। इससे पहले जब दोनों खिलाड़ी इस टूर्नामेंट के पहले राउंड में भिड़े थे, तब कार्लसन ने बाजी मारी थी। लेकिन इस बार गुकेश ने जबर्दस्त पलटवार करते हुए कार्लसन को पराजित किया।
हार के बाद कार्लसन का गुस्सा फूटा, बोर्ड पर मारा मुक्का
मैच हारने के बाद मैग्नस कार्लसन अपना आपा खो बैठे। उन्होंने गुस्से में चेस बोर्ड पर जोर से मुक्का मारा, जिससे मोहरे इधर-उधर बिखर गए। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करने से भी इनकार कर दिया और गुस्से में बाहर निकल गए। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और फैंस की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
“मुझे हराने वाला कोई नहीं” – पुराने बयान से उलझे कार्लसन
इस जीत को लेकर एक और वजह से भी चर्चा हो रही है। गुकेश के विश्व चैंपियन बनने के बाद कार्लसन ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेते, क्योंकि वहां उन्हें हराने वाला कोई नहीं है। जवाब में गुकेश ने कहा था कि उन्हें मौका मिला तो वह बिसात पर कार्लसन के खिलाफ खुद को जरूर परखना चाहेंगे। अब गुकेश ने उस वादे को साकार कर दिखाया।
दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन हैं गुकेश
डी गुकेश ने दिसंबर 2024 में सिंगापुर में हुए वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराकर इतिहास रचा था। वे 18 साल की उम्र में यह खिताब जीतने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने। इससे पहले 1985 में गैरी कास्पारोव ने 22 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।
ओलिंपियाड में भी दिलाई थी भारत को जीत
2023 में बुडापेस्ट में आयोजित चेस ओलिंपियाड में भारत ने ओपन और विमेंस दोनों कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन किया था। ओपन कैटेगरी में निर्णायक गेम गुकेश ने ही जीता था, जिसने भारत को चैंपियन बना दिया।
चेस के प्रमुख फॉर्मेट्स
शतरंज तीन प्रमुख फॉर्मेट्स में खेला जाता है—क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज। क्लासिकल फॉर्मेट सबसे पारंपरिक और समय देने वाला होता है, जिसमें खिलाड़ियों को सोचने और रणनीति बनाने के लिए 90 से 120 मिनट तक का समय मिलता है। रैपिड गेम्स में यह समय 60 मिनट से कम होता है, जबकि ब्लिट्ज गेम्स महज 10 मिनट या उससे भी कम समय में खत्म हो जाते हैं।