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कोविड के बाद भारत सबसे तेज़ बढ़ती अर्थव्यवस्था, अमेरिका–चीन जैसी शक्तियाँ भी पीछे
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कोरोना महामारी के बाद जब दुनिया की ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएँ गिरावट से जूझ रही थीं, उसी दौरान भारत ने लगातार सकारात्मक वृद्धि दर्ज करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी मजबूत स्थिति बनाई। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेसन फर्मन ने हाल ही में जारी एक विश्लेषण में बताया कि 2019 से 2025 के बीच भारत की विकास दर अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सबसे तेज़ रही है।
भारत की GDP 2025 तक ट्रेंड से काफी ऊपर
फर्मन द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार:
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भारत की जीडीपी 2025 की तीसरी तिमाही तक महामारी से पहले के अनुमानित ट्रेंड की तुलना में लगभग 5% अधिक रहने का आकलन है।
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यह वृद्धि अमेरिका, चीन, रूस और यूरो ज़ोन सहित सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से कहीं अधिक है।
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2022 में ही भारत ने प्री-कोविड ग्रोथ लाइन को पार कर लिया था, और तब से यह लगातार ऊपर की दिशा में बढ़ रहा है।
फर्मन का कहना है कि भारत की यह प्रगति किसी एक बार की उछाल नहीं, बल्कि नीतिगत स्थिरता, डिजिटल ढांचे का विस्तार, और निवेश माहौल में सुधार का नतीजा है।
दुनिया की अर्थव्यवस्थाएँ कैसे रहीं? भारत सबसे आगे
महामारी के दौरान सभी प्रमुख देशों की ग्रोथ नीचे गई, लेकिन सुधार की रफ्तार में बड़ा अंतर देखा गया:
| देश | कोविड काल की गिरावट | 2025 का अनुमान |
|---|---|---|
| भारत | -5% | +5% (तेज़तम वृद्धि) |
| अमेरिका | -5% | ट्रेंड से लगभग +2% |
| चीन | -10% | -5% के करीब |
| रूस | -8% | -8% पर स्थिर |
| यूरो ज़ोन | -25% | -3% के आसपास |
अमेरिका ने बड़े पैमाने पर आर्थिक राहत पैकेज जारी किए, चीन शून्य-कोविड नीतियों और रियल एस्टेट संकट में उलझा रहा, रूस प्रतिबंधों के कारण दबाव में रहा और यूरोप लगातार महंगाई व भू-राजनीतिक तनावों से जूझता रहा।
इसके विपरीत भारत की घरेलू मांग, उद्योग-सेवा क्षेत्र और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने मजबूत ग्रोथ बनाए रखी।
भारत की तेज़ रफ्तार के पीछे ये 4 बड़े कारण
1. डिजिटल इकोसिस्टम
यूपीआई, DBT और डिजिटल सेवाओं के विस्तार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती दी।
2. निवेश और उत्पादन बढ़ा
पीएलआई योजनाओं ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को गति दी, जिससे विदेशी और घरेलू निवेश बढ़ा।
3. स्थिर आर्थिक माहौल
मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, वित्तीय अनुशासन और नीति निरंतरता ने भरोसा बढ़ाया।
4. मजबूत घरेलू खपत
युवा जनसंख्या, सेवाओं की मांग और लगातार बढ़ते शहरी बाजारों ने ग्रोथ को सहारा दिया।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ भी भारत को लेकर आश्वस्त
ICRA का आकलन
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वित्त वर्ष 2026 में GDP वृद्धि: 7%
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औद्योगिक वृद्धि: 7.8% — पाँच तिमाहियों में सबसे ऊँचा स्तर
Moody’s का अनुमान
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2025 में GDP ग्रोथ: 7%
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2026 में अनुमान: 6.4%
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एशिया-प्रशांत में भारत शीर्ष प्रदर्शन करने वाला देश
IMF का मूल्यांकन
IMF का कहना है कि भारत की निरंतर ग्रोथ का मुख्य आधार है:
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डिजिटल अर्थव्यवस्था
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बढ़ता मैन्युफैक्चरिंग
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सेवा क्षेत्र का विस्तार
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युवा वर्कफोर्स
इन वजहों से भारत आने वाले वर्षों में 7–8% वार्षिक वृद्धि बनाए रखने की क्षमता रखता है।
भारत वैश्विक आर्थिक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है
कोविड के बाद दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाएँ अभी भी सुधार की कोशिश में हैं, जबकि भारत लगातार आगे बढ़ता गया।
हार्वर्ड का ताज़ा विश्लेषण और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुमानों से यह साफ है कि भारत न सिर्फ़ महामारी के बाद उभरा बल्कि विश्व की सबसे तेज़ बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपना दबदबा स्थापित कर चुका है।
