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रीवा अस्पताल चौराहे पर हिंसा पीड़ित युवक की मौत के बाद चक्काजाम; परिजनों का आक्रोश, आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन
Rewa, MP
संजय गांधी अस्पताल में घायल ठेला व्यापारी अखिलेश साहू ने तोड़ा दम; परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया, प्रशासन ने कार्रवाई और मुआवजे का भरोसा दिया।
रीवा में शुक्रवार सुबह उस समय हालात तनावपूर्ण हो गए, जब मारपीट में गंभीर रूप से घायल ठेला व्यापारी अखिलेश साहू की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद परिजन संजय गांधी अस्पताल चौराहे पर पहुंच गए और चक्काजाम कर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह मामला आज की ताज़ा ख़बरों और स्थानीय पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी में तेजी से ट्रेंड कर रहा है।
अखिलेश साहू, करहिया मंडी में चाट का ठेला चलाते थे और 9 नवंबर को चोरहटा थाना क्षेत्र में उन पर हमला किया गया था। पुलिस के अनुसार, राजा सोंधिया और उसके साथियों ने व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा को लेकर अखिलेश पर हमला किया था। मारपीट में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई।
जैसे ही मौत की जानकारी परिजनों को मिली, अस्पताल परिसर में भारी तनाव फैल गया। परिजन और स्थानीय लोग चौराहे पर बैठ गए और यातायात रोक दिया। उनका आरोप था कि पुलिस ने हमलावरों पर समय रहते कार्रवाई नहीं की, जिसके कारण स्थिति इतनी गंभीर हुई। परिजन लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी और न्याय की मांग करते रहे।
स्थिति बिगड़ती देख कई थानों की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आरती सिंह ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बात की और स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले में आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी और मृतक परिवार को सरकारी योजना के तहत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यदि किसी ने परिवार को धमकाया है, तो उसे भी आरोपियों की सूची में शामिल किया जाएगा।
एएसपी सिंह ने बताया कि मामले की विवेचना जारी है और पुलिस सभी आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। प्रशासन का कहना है कि व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के नाम पर हुई यह घटना बेहद गंभीर है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रीवा पुलिस ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही मामले में महत्वपूर्ण गिरफ्तारी होगी।
उधर, परिजनों का कहना है कि यदि पुलिस शुरुआत में ही सक्रिय होती, तो अखिलेश की जान बच सकती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायत के बाद भी पुलिस की देरी ने स्थिति को और खराब किया। क्षेत्र में घटना के बाद शोक और आक्रोश का माहौल बना हुआ है।
यह घटना घरेलू व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा से उपजे तनाव और स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। शहर में बढ़ते हमलों को देखते हुए लोग प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस और प्रशासन दोनों ही मामले पर नजर बनाए हुए हैं, जबकि परिवार न्याय और ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है।
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