मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में गुरुवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब पदमनगर क्षेत्र में स्थित एक तीन मंजिला इमारत महज चंद सेकेंड में ताश के पत्तों की तरह भरभराकर ढह गई। यह घटना शाम के समय हुई, जब इलाके में सामान्य गतिविधियां चल रही थीं। इमारत गिरने का वीडियो आसपास मौजूद लोगों ने रिकॉर्ड कर लिया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में पूरी बिल्डिंग अचानक नीचे बैठती और धूल के गुबार में तब्दील होती दिखाई दे रही है।
ढही हुई इमारत ‘चावला मेडिकल होलसेल एजेंसी’ के नाम से संचालित की जा रही थी। यह भवन खंडवा के घनी आबादी वाले पदमनगर इलाके में स्थित था। अचानक हुए इस हादसे से पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई, हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जिस समय इमारत गिरी, उस वक्त आसपास के अधिकतर लोग नमाज अदा करने के लिए नजदीकी मस्जिद गए हुए थे। वहीं, मेडिकल एजेंसी में रोजाना काम करने वाले 25 से 30 कर्मचारी भी मौजूद नहीं थे, क्योंकि गुरुवार को साप्ताहिक अवकाश था। इन दोनों कारणों ने एक बड़े जानलेवा हादसे को टाल दिया।
स्थानीय निवासियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने इमारत गिरने के लिए पास में चल रहे निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। बताया गया कि चावला मेडिकल की इमारत के ठीक बगल में नई बिल्डिंग के लिए जेसीबी मशीन से गहरी खुदाई की जा रही थी। खुदाई के कारण पुरानी इमारत की नींव कमजोर होती चली गई। लोगों का कहना है कि दिनभर दीवारों से मिट्टी और रेत गिरती रही और सुबह से ही इमारत में कंपन महसूस किया जा रहा था, लेकिन समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
हादसे में किसी की जान तो नहीं गई, लेकिन एजेंसी को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। इमारत के अंदर रखी करोड़ों रुपये की दवाइयां और मेडिकल उपकरण मलबे में दब गए हैं। शुरुआती आकलन में नुकसान काफी अधिक बताया जा रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही पदमनगर थाना पुलिस, नगर निगम के अधिकारी और खंडवा एसडीएम मौके पर पहुंचे। पूरे इलाके को घेराबंदी कर सुरक्षित किया गया और मलबे के पास लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पड़ोसी निर्माण कार्य से जुड़े दस्तावेजों की भी पड़ताल की जा रही है। जांच के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कही गई है।यह घटना एक बार फिर शहरी इलाकों में बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के हो रहे निर्माण कार्यों पर गंभीर सवाल खड़े करती है, जो पब्लिक इंटरेस्ट से जुड़ा अहम मुद्दा बनता जा रहा है।
