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आंध्र प्रदेश ने अडानी को 480 एकड़ जमीन दी, गूगल एआई डेटा सेंटर के लिए बड़े निवेश की तैयारी
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विशाखापत्तनम और अनकापल्ली में 1 गीगावाट क्षमता का डेटा सेंटर, निवेश ₹87,500 करोड़ से अधिक
आंध्र प्रदेश सरकार ने अडानी ग्रुप को राज्य में गूगल-एआई डेटा सेंटर के लिए 480 एकड़ जमीन आवंटित की है। यह कदम राज्य में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और बड़े निवेश को आकर्षित करने की दिशा में उठाया गया है। रैडेन इन्फोटेक इंडिया के माध्यम से स्थापित होने वाला यह डेटा सेंटर एक गीगावाट क्षमता वाला होगा, जो मुंबई की वार्षिक बिजली खपत के लगभग आधे के बराबर ऊर्जा का उपयोग करेगा।
सरकारी आदेश के अनुसार, जमीन हस्तांतरण अडानी इन्फ्रा (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है। मंत्रिपरिषद की 28 नवंबर 2025 की बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी। गूगल की भारतीय यूनिट ने अडानी इन्फ्रा, अडानी कॉनेक्स, अडानी पावर, भारती एयरटेल, नेक्सट्रा डेटा और नेक्सट्रा विजाग को अपना नोटिफाइड पार्टनर बताया है।
रैडेन इन्फोटेक इंडिया ने इस परियोजना में 87,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने की योजना बनाई है। राज्य सरकार ने इसके बदले में कंपनी को 22,000 करोड़ रुपये तक के प्रोत्साहन प्रदान करने का वादा किया है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि गूगल का निवेश पहले 10 अरब डॉलर घोषित किया गया था, जिसे बढ़ाकर 15 अरब डॉलर कर दिया गया है।
सरकारी आदेश में कहा गया है कि यह डेटा सेंटर गूगल के सर्च, यूट्यूब और वर्कस्पेस जैसी सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक तकनीकी मानकों के अनुरूप होगा। रैडेन और उसके नोटिफाइड पार्टनर सभी प्रोत्साहनों का लाभ उठा सकेंगे, जो मुख्यमंत्री ने परियोजना के लिए घोषित किए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस परियोजना से न केवल राज्य में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार और स्थानीय आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय उद्योग और सेवा क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे।
पूर्व अनुभव के अनुसार, गूगल और अडानी ग्रुप ने विभिन्न राज्यों में बड़े डेटा सेंटर स्थापित किए हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश में यह अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल निवेश माना जा रहा है। इससे राज्य में तकनीकी नवाचार, स्टार्टअप इकोसिस्टम और विदेशी निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
सरकार ने बताया कि भूमि का अंतिम हस्तांतरण प्रारंभिक सर्वेक्षण पूरा होने के बाद ही किया जाएगा। परियोजना के पूरा होने के बाद यह क्षेत्र आर्थिक गतिविधियों और तकनीकी विकास का प्रमुख केंद्र बन सकता है।
