- Hindi News
- बिजनेस
- हवाई यात्रा में भारत ने भरी उड़ान, 2026 में चीन को पछाड़ेगा ग्रोथ रेट में
हवाई यात्रा में भारत ने भरी उड़ान, 2026 में चीन को पछाड़ेगा ग्रोथ रेट में
Business News

भारत की हवाई यात्रा का बाजार तेजी से ऊंचाई पकड़ रहा है।
आने वाले वर्षों में देश का एविएशन सेक्टर सिर्फ रफ्तार ही नहीं बढ़ाएगा, बल्कि चीन जैसे दिग्गज को भी पीछे छोड़ देगा।
एयरपोर्ट्स इंटरनेशनल काउंसिल (ACI) के मुताबिक, भारत 2026 तक एयर पैसेंजर ट्रैफिक ग्रोथ रेट में चीन से आगे निकल जाएगा।
✈ भारत की ग्रोथ रेट: अगले दो सालों में कहां पहुंचेगा आंकड़ा?
ACI की ताजा रिपोर्ट के अनुसार:
-
2026 में भारत की ग्रोथ रेट होगी 10.5%, जबकि चीन की 8.9%
-
2027 में भारत की रफ्तार रहेगी 10.3%, वहीं चीन गिरकर 7.2% पर आ जाएगा
इस साल यानी 2025 में भी भारत की अनुमानित वृद्धि दर 10.1% रहने की उम्मीद है, जो भले ही चीन (12%) से कम हो, लेकिन ग्रोथ की स्थिरता भारत को भविष्य के लिए मजबूत बना रही है।
🛫 एयरपोर्ट्स का विस्तार, 50 नई परियोजनाएं शुरू होंगी
फिलहाल भारत में 159 ऑपरेशनल एयरपोर्ट्स हैं। केंद्र सरकार की योजना है कि अगले 5 वर्षों में 50 और एयरपोर्ट्स को विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही घरेलू एयरलाइंस ने 1,700 से अधिक नए विमानों का ऑर्डर भी दे दिया है।
📊 2023-27 के लिए CAGR और लॉन्ग टर्म अनुमान
ACI के मुताबिक:
-
2023 से 2027 के बीच भारत की एविएशन ग्रोथ का CAGR (Compound Annual Growth Rate) होगा 9.5%, जो चीन के 8.8% से अधिक है।
-
वहीं 2023 से 2053 तक, भारत की लंबी अवधि की CAGR रहेगी 5.5%, जबकि चीन की 3.8% ही रहेगी।
👥 प्रति व्यक्ति यात्रा में भी होगी वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार:
-
2023 में प्रति व्यक्ति हवाई यात्रा 0.1 थी,
-
लेकिन 2043 तक यह बढ़कर 0.4 हो जाएगी।
यह दर्शाता है कि भविष्य में आम भारतीय भी हवाई यात्रा को अधिक अपनाएगा।
🏗 क्या कहता है ACI नेतृत्व?
ACI एशिया-पैसिफिक एंड मिडिल ईस्ट के डायरेक्टर स्टेफानो बैरोन्सी ने कहा कि भारत एक ऐसा बाजार है, जो ना सिर्फ विकसित हो रहा है, बल्कि तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत भी कर रहा है।
वहीं, एसीआई के अध्यक्ष एसजीके किशोर का कहना है कि आने वाले 5-10 वर्षों में भारत में कई बड़े विमानन हब विकसित होंगे, और यह घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय यात्रियों दोनों के लिए गेमचेंजर साबित होंगे।
🔍 निष्कर्ष:
हवाई सफर अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। जिस तरह से भारत एविएशन सेक्टर में निवेश, विस्तार और तकनीकी विकास कर रहा है, उससे साफ है कि आने वाला दशक "भारत की हवाई क्रांति" का गवाह बनेगा।