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UPI मल्टी-सिग्नेटरी सुविधा: एक खाते से कई हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा सुरक्षित डिजिटल लेनदेन का नया युग
BUSINESS NEWS
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने हाल ही में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में डिजिटल भुगतान प्रणाली को और अधिक सुरक्षित और उपयोगी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
इन्हीं में से एक है UPI मल्टी-सिग्नेटरी सुविधा, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है। यह सुविधा अब तक की सबसे बड़ी UPI इनोवेशन मानी जा रही है, क्योंकि यह पहली बार संयुक्त खातों (Joint Accounts) में UPI भुगतान को पूरी तरह से सरल और सुरक्षित बनाएगी।
क्या है UPI मल्टी-सिग्नेटरी सुविधा?
यह सुविधा उन खातों के लिए है जिन्हें एक से अधिक व्यक्ति मिलकर संचालित करते हैं, जैसे — साझेदारी फर्म, ट्रस्ट, संस्था या परिवार के संयुक्त खाते।
इस फीचर के तहत, किसी भी लेनदेन को पूरा करने से पहले सभी अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं की स्वीकृति (Approval) आवश्यक होगी। इसका अर्थ है कि अब डिजिटल पेमेंट केवल एक व्यक्ति की मर्ज़ी से नहीं, बल्कि सभी संबंधित सदस्यों की अनुमति से ही होगा।
यह व्यवस्था “मेकर-चेकर (Maker-Checker)” प्रणाली पर आधारित है —
जहां एक व्यक्ति भुगतान शुरू करता है (Maker) और बाकी लोग उसे मंजूरी देते हैं (Checker)।
कैसे काम करती है यह सुविधा?
UPI मल्टी-सिग्नेटरी फीचर की प्रक्रिया को बेहद पारदर्शी और सुरक्षित बनाया गया है।
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लेनदेन शुरू (Initiation): एक हस्ताक्षरकर्ता अपने UPI ऐप से भुगतान की जानकारी दर्ज करता है।
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अनुमोदन अनुरोध (Approval Request): संबंधित बैंक बाकी हस्ताक्षरकर्ताओं को नोटिफिकेशन भेजता है।
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अनुमोदन (Authorization): सभी हस्ताक्षरकर्ता अपने-अपने UPI ऐप से लेनदेन को स्वीकृति देते हैं।
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लेनदेन पूरा (Processing): सभी अनुमोदन मिलने के बाद ही भुगतान पूरा होता है और राशि खाते से डेबिट की जाती है।
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इंटरऑपरेबिलिटी (Interoperability): इसमें कोई भी हस्ताक्षरकर्ता अलग-अलग UPI ऐप (जैसे GPay, Paytm, PhonePe आदि) का उपयोग कर सकता है।
मुख्य सुरक्षा उपाय
NPCI ने इस सुविधा को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए कई आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया है —
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टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA): लेनदेन शुरू करने और मंजूरी देने दोनों के लिए दोहरी सुरक्षा की व्यवस्था।
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डिवाइस बाइंडिंग: उपयोगकर्ता के मोबाइल डिवाइस को उसके UPI अकाउंट से सुरक्षित रूप से जोड़ा जाएगा।
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रियल-टाइम नोटिफिकेशन: हर स्टेज पर सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को सूचना प्राप्त होगी — चाहे वह ऑनबोर्डिंग हो या ट्रांजैक्शन।
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कंट्रोल API: बैंक जरूरत पड़ने पर NPCI के माध्यम से किसी यूजर का एक्सेस बंद या संशोधित कर सकते हैं।
कौन लोग उठा सकेंगे लाभ
यह फीचर खास तौर पर निम्न वर्गों के लिए फायदेमंद रहेगा —
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साझेदारी फर्म (Partnership Firms)
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ट्रस्ट और सोसाइटी (Trusts & NGOs)
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लघु एवं मध्यम उद्योग (SMEs)
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परिवारिक संयुक्त खाते (Joint Family Accounts)
इससे न केवल लेनदेन की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि धोखाधड़ी और गलत ट्रांजैक्शन की संभावना भी कम होगी।
UPI मल्टी-सिग्नेटरी सुविधा के प्रमुख फायदे
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संयुक्त निर्णय प्रक्रिया – हर भुगतान से पहले सभी सदस्यों की सहमति जरूरी।
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धोखाधड़ी पर नियंत्रण – गलत ट्रांजैक्शन की संभावना न्यूनतम।
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बेहतर फाइनेंशियल ट्रैकिंग – किसने भुगतान शुरू किया, किसने मंजूर किया, सब दर्ज होगा।
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तेजी और सुविधा – अब पेमेंट के लिए बैंक विज़िट की जरूरत नहीं।
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हर ऐप पर उपलब्धता – किसी भी UPI ऐप से उपयोग किया जा सकेगा।