रिटायरमेंट के बाद मिल सकती है ₹40,000 महीना इनकम, जानिए कैसे

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रिटायरमेंट के बाद हर व्यक्ति की सबसे बड़ी चिंता होती है — नियमित आय और पैसों की सुरक्षा। अगर आपके पास 50 लाख रुपये का फंड है, तो यह केवल बचत नहीं बल्कि भविष्य की वित्तीय आज़ादी की कुंजी बन सकता है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि सही निवेश रणनीति और अनुशासन के साथ यही फंड रिटायरमेंट के बाद अगले 25–30 साल तक खर्चों को आसानी से पूरा कर सकता है।


पहला कदम: तय करें मंथली इनकम की जरूरत

निवेश शुरू करने से पहले यह स्पष्ट करें कि रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने कितनी रकम की आवश्यकता होगी। इसी आधार पर आपकी इन्वेस्टमेंट मिक्स स्ट्रैटेजी तय होगी। आमतौर पर एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि निवेश को दो हिस्सों में बांटें —

  • फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स (60-75%)

  • इक्विटी और ग्रोथ फंड्स (25-40%)


फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश

जो निवेशक जोखिम से बचना चाहते हैं, वे निम्न योजनाओं को प्राथमिकता दे सकते हैं—

  1. सीनियर सिटिज़न सेविंग्स स्कीम (SCSS) – 8.2% तक ब्याज

  2. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) – सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न

  3. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (MIS) – स्थिर मासिक आय

  4. हाई रेटिंग बॉन्ड्स व डेट म्यूचुअल फंड्स – 7-8% तक रिटर्न

इन साधनों से औसतन 8% सीएजीआर (CAGR) रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, केवल इन्हीं पर निर्भर रहना महंगाई और टैक्स के कारण दीर्घकाल में पर्याप्त नहीं होता।


इक्विटी में निवेश क्यों जरूरी है?

फाइनेंशियल सलाहकारों के अनुसार, रिटायरमेंट पोर्टफोलियो का 25 से 40 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी में रखना चाहिए।
AUM Wealth के संस्थापक अमित सूरी कहते हैं,

“विड्रॉल रेट को हमेशा इक्विटी ग्रोथ रेट से कम रखना चाहिए, ताकि पूंजी सुरक्षित रहे और फंड लंबा चले।”

इक्विटी निवेश के लिए निम्न विकल्प लाभदायक माने जाते हैं—

  • लार्ज-कैप और बैलेंस्ड फंड्स

  • मल्टी एसेट ऐलोकेशन फंड्स

  • सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) — जो हर महीने निश्चित रकम निकालने की सुविधा देता है।

इनसे 12% तक का वार्षिक रिटर्न संभव है, जिससे आपकी पूंजी पर कंपाउंडिंग का लाभ मिलता रहेगा।


संतुलित पोर्टफोलियो से कैसे बनेगी स्थिर इनकम

एक निवेशक अगर ₹50 लाख को संतुलित रूप से निवेश करे—

  • ₹30 लाख फिक्स्ड इनकम स्कीम्स में

  • ₹20 लाख इक्विटी और बैलेंस्ड फंड्स में
    तो सालाना लगभग ₹4.8 लाख रुपये (₹40,000/माह) तक की रेगुलर इनकम प्राप्त की जा सकती है।
    SWP के माध्यम से हर महीने निकासी करते हुए बाकी रकम निवेशित रहने से पूंजी पर निरंतर वृद्धि होती है और फंड लंबे समय तक सुरक्षित रहता है।


टैक्स प्लानिंग का रखें ध्यान

नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार ₹12 लाख तक की सालाना आय टैक्स-फ्री है।

  • लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस: 12.5% टैक्स

  • शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस: 20% टैक्स

इसलिए निवेश की योजना बनाते समय टैक्स एफिशिएंट फंड्स को प्राथमिकता दें।

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