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एमपी में अक्टूबर की ठंडी दस्तक, राजगढ़ में पारा 16 डिग्री से नीचे
BHOPAL, MP

मध्यप्रदेश में इस साल अक्टूबर की ठंड सामान्य से पहले दस्तक दे चुकी है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में ही प्रदेश के कई इलाकों में रातें ठंडी होने लगी हैं। सबसे कम तापमान राजगढ़ में दर्ज किया गया, जहां पारा 16 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। वहीं भोपाल में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री के आसपास बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह बदलाव उत्तरी दिशा से चल रही ठंडी हवाओं के कारण देखने को मिल रहा है।
आमतौर पर प्रदेश में तापमान अक्टूबर के तीसरे या चौथे सप्ताह में गिरना शुरू होता है, लेकिन इस बार मौसम ने समय से पहले करवट ले ली है।
अभी नहीं होगी भारी बारिश, 14 अक्टूबर से नया सिस्टम सक्रिय होगा
मौसम विभाग के मुताबिक अगले चार दिन प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश के आसार नहीं हैं। फिलहाल वेदर ड्राई रहेगा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में दिनभर धूप खिली रही और हल्की ठंडी हवाएं चलती रहीं।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, 14 अक्टूबर से कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है, जबकि 11 से 13 अक्टूबर तक मौसम शुष्क बना रहेगा।
12 जिलों से लौट चुका है मानसून
प्रदेश के ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम और राजगढ़-अशोकनगर के कुछ हिस्सों से मानसून की विदाई हो चुकी है।
वर्तमान में किसी बड़े वेदर सिस्टम के सक्रिय न होने के कारण आने वाले दिनों में मानसून की वापसी की स्थितियां और अनुकूल होंगी। मौसम विभाग ने संकेत दिया है कि 10-11 अक्टूबर से कई जिलों से मानसून की वापसी शुरू हो सकती है।
दिन का तापमान भी गिरा, कई जगह 30 डिग्री से नीचे
राज्य के अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान भी सामान्य से कम दर्ज किया गया।
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पचमढ़ी में 25.4°C
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बैतूल में 27.7°C
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श्योपुर, शिवपुरी, सीधी, छिंदवाड़ा और नौगांव में तापमान 29°C के आसपास रहा।
यानी दिन और रात, दोनों समय मौसम में हल्की ठंडक महसूस की जा रही है।
इस मानसून में गुना रहा सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला
इस वर्ष गुना जिले में सर्वाधिक 65.6 इंच बारिश दर्ज की गई है। मंडला और रायसेन में 62 इंच से अधिक पानी गिरा, जबकि शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले जिले रहे।
शाजापुर में सिर्फ 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच और खंडवा में 32 इंच बारिश दर्ज की गई।
इंदौर संभाग में सितंबर की बारिश ने सुधारी स्थिति
शुरुआती महीनों में इंदौर और उज्जैन संभागों में कम बारिश हुई थी, लेकिन सितंबर में हुई झमाझम से इंदौर का बारिश का कोटा पूरा हो गया। हालांकि उज्जैन जिले में अब भी सामान्य बारिश का आंकड़ा पूरा नहीं हुआ है।
पूर्वी एमपी में जमकर बरसा मानसून
जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में इस साल मानसून के मजबूत सिस्टम सक्रिय रहे। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने। वहीं ग्वालियर-चंबल अंचल के सभी आठ जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई।