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शराब सेवन में देश का नंबर-1 राज्य कौन? यहां लोग नशे से लगभग दूर — जानिए ताज़ा रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ
Business News
देशभर में जागरूकता और सरकारी नियंत्रण के बावजूद शराब पीने की आदत पूरी तरह कम नहीं हो रही। NFHS-5 और विभिन्न सरकारी एजेंसियों के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि जहाँ एक तरफ राष्ट्रीय स्तर पर पुरुषों में शराब सेवन की दर घटी है, वहीं कई राज्यों में यह तेज़ी से बढ़ी है। रिपोर्ट देश के अलग-अलग हिस्सों में शराब के चलन की एक दिलचस्प और चौंकाने वाली तस्वीर पेश करती है।
गोवा अव्वल; पूर्वोत्तर में भी ऊंचा सेवन
ताज़ा सर्वे के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा शराब पीने वाले पुरुष गोवा में हैं, जहां 59.1% पुरुष शराब का सेवन करते हैं।
इसके बाद अरुणाचल प्रदेश (56.6%) और तेलंगाना (50%) का स्थान आता है।
इन राज्यों में शराब सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का हिस्सा भी मानी जाती है, इसलिए खपत ज्यादा है।
लक्षद्वीप सबसे नीचे, नशे से लगभग दूर
शराब सेवन के मामले में देश का सबसे संयमित इलाका लक्षद्वीप है,
जहाँ केवल 0.2% आबादी शराब पीती है।
यह देश का अकेला क्षेत्र है जहाँ शराब पीने वालों की संख्या लगभग नगण्य है।
ड्राई स्टेट्स की असलियत: शराबबंदी के बावजूद जारी सेवन
रिपोर्ट का सबसे चौंकाने वाला पहलू शराबबंदी वाले राज्यों का है—
बिहार:
2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद
करीब 15–17% पुरुष अब भी शराब पीते हैं।
हालांकि, पुराने आंकड़ों की तुलना में इसमें कमी दर्ज हुई है।
गुजरात:
यहाँ उपभोग बेहद कम है—लगभग 3.9%,
लेकिन शराबबंदी के बावजूद इसका पूरी तरह खत्म न होना अपने-आप में महत्वपूर्ण है।
दिल्ली में बढ़ा ट्रेंड: पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी आगे
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शराब सेवन का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है।
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पुरुषों में शराब पीने की दर 24.7% से बढ़कर 27.9% हुई।
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महिलाओं में सेवन का प्रतिशत दोगुना से अधिक बढ़ा, जो एक बड़ा सामाजिक संकेत है।
दिल्ली के मुकाबले अरुणाचल प्रदेश में महिलाओं का शराब सेवन पारंपरिक रूप से अधिक रहा है, लेकिन हाल में वहाँ गिरावट दर्ज की गई है।
देसी शराब का खतरा: 30% लोग अभी भी ‘कंट्री लिकर’ पर निर्भर
भारत में शराब सेवन करने वाले करीब
30% लोग देसी (कंट्री) शराब पीते हैं।
यह वर्ग अक्सर कम आय वाला होता है, और
खराब गुणवत्ता वाली शराब गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार—
देश में लाखों-करोड़ों लोग शराब की लत का सामना कर रहे हैं और उन्हें चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय स्तर पर हल्की गिरावट, लेकिन चुनौती बरकरार
देशभर में पुरुषों में शराब के सेवन का प्रतिशत
29.2% से घटकर 22.4% आया है।
लेकिन युवाओं और कामकाजी वर्ग में शराब का बढ़ता आकर्षण
एक गंभीर सामाजिक चुनौती बनी हुई है।
