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4 दिन में 2000+ IndiGo फ्लाइट कैंसिल: 3 लाख यात्री प्रभावित; सरकार ने कहा—गलती एयरलाइन की, एक्शन तय
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देशभर में वीकेंड ट्रैवल पर असर; DGCA की अस्थायी राहत के बावजूद इंडिगो का ऑपरेशन 15 दिसंबर तक सामान्य होने की संभावना, केंद्र ने ऑटो-रिफंड और विशेष सहायता के निर्देश दिए।
देशभर में वायु यात्रा करने वाले यात्रियों की परेशानी शनिवार को चरम पर पहुंच गई, जब IndiGo का परिचालन संकट लगातार चौथे दिन भी बिना सुधार के जारी रहा। विभिन्न एयरपोर्ट्स पर सुबह से लेकर देर रात तक उड़ानें रद्द होने का सिलसिला चलता रहा। एयरलाइन ने अब तक 2000 से अधिक उड़ानें रद्द की हैं, जिससे अनुमानित 3 लाख यात्री प्रभावित हुए हैं। यह हालिया दिनों की सबसे बड़ी परिचालन बाधा मानी जा रही है।
क्या हो रहा है?
इंडिगो की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में लगातार देरी और कैंसिलेशन वीकेंड पर और बढ़ गया। एयरलाइन ने चेतावनी दी है कि शनिवार और रविवार को प्रभावित उड़ानों का प्रतिशत बढ़ सकता है, क्योंकि इन दो दिनों में इंडिगो सामान्य दिनों की तुलना में काफी अधिक विमान सेवाएं संचालित करती है। कई एयरपोर्ट्स पर बोर्डिंग गेट्स के बाहर यात्रियों की लंबी कतारें देखी गईं।
कहाँ स्थिति सबसे ज्यादा खराब?
दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे व्यस्त हवाई अड्डों पर शुक्रवार देर रात से ही अव्यवस्था बढ़ गई। लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद और कोलकाता में भी सुबह से लेकर दोपहर तक उड़ान रद्द होने की घोषणाएं होती रहीं। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर बताया कि एयरलाइन की काउंटर टीम उन्हें देरी के कारणों या वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाई।
संकट की जड़—क्यों बिगड़ी स्थिति?
इस व्यवधान का प्रमुख कारण पायलटों और क्रू के लिए लागू किए गए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम हैं, जो 1 नवंबर से दूसरे चरण में लागू हुए थे। इन नियमों का उद्देश्य उड़ान सुरक्षा में सुधार लाना था, पर इसके चलते इंडिगो को अचानक स्टाफ की कमी का सामना करना पड़ा।
हालांकि DGCA ने हालात देखते हुए एयरलाइन को फरवरी 2026 तक कुछ प्रावधानों में राहत देकर वीकली रेस्ट और नाइट शिफ्ट संबंधी पुराने नियम अस्थायी रूप से बहाल कर दिए हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया—क्या कहा मंत्री ने?
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि “नियम सभी एयरलाइनों पर समान रूप से लागू हुए, लेकिन गंभीर अव्यवस्था सिर्फ इंडिगो में दिखाई दी। यह प्रशासनिक कमी का संकेत है और इसकी जांच होगी।”
सरकार ने एयरलाइन को तुरंत ऑटो-रिफंड, दिव्यांग व वरिष्ठ यात्रियों को प्राथमिक सहायता, तथा 6 घंटे से अधिक देरी पर होटल सुविधा देने का निर्देश जारी किया है।
यात्रियों पर असर—कैसे बढ़ी मुश्किलें?
कई यात्री रातभर एयरपोर्ट पर ही रुके रहे। कोलकाता में कुछ महिला यात्रियों के भावुक होने का वीडियो सामने आया। मुंबई में यात्रियों ने आरोप लगाया कि फ्लाइट रद्द होने की सूचना अंतिम समय में दी गई, जिससे उनके पास यात्रा का कोई नया विकल्प नहीं बचा।
दूसरी एयरलाइनों में सीटें कम होने के कारण टिकटों के दाम तेज़ी से बढ़े और कुछ रूट्स पर किराया सामान्य से कई गुना तक पहुंच गया।
रेलवे और अन्य एयरलाइंस आगे आईं
यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे ने 37 प्रीमियम ट्रेनों में 116 अतिरिक्त कोच जोड़ दिए हैं। वहीं स्पाइसजेट ने अगले कुछ दिनों में 100 अतिरिक्त उड़ानें संचालित करने की घोषणा की है, ताकि यात्रियों का दबाव कम किया जा सके।
DGCA एयरलाइन की दैनिक तैयारियों पर करीबी नजर रखे हुए है। सूत्रों का मानना है कि 15 दिसंबर तक हालात बेहतर होने की उम्मीद है, लेकिन दायित्व तय करने और दंडात्मक कार्रवाई पर सरकार का रुख सख्त बना रहेगा।इसी बीच यात्रियों से अपील की गई है कि वे एयरपोर्ट रवाना होने से पहले फ्लाइट स्टेटस की अनिवार्य जांच करें।
