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विबग्योर हाई स्कूल इंदौर में 8वां स्कूल सिनेमा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आयोजित
Indore, MP
25 देशों की 100 से ज्यादा फिल्मों का हुआ प्रदर्शन, बाल दिवस पर रचनात्मकता और सिनेमा का अनोखा संगम
विबग्योर हाई स्कूल इंदौर में बाल दिवस के अवसर पर 8वें स्कूल सिनेमा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (SCIFF) का भव्य शुभारंभ हुआ। फिल्म, कला और शिक्षा के त्रिकोण को एक मंच पर लाने वाले इस महोत्सव में कहानी कहने और रचनात्मक सोच को बच्चों की सीखने की प्रक्रिया से जोड़ने का प्रयास किया गया।
मुख्य अतिथि डीसीपी आनंद कलादगी ने समारोह का शुभारंभ किया, जबकि अभिनेता और कलाकार क्षितिज पवार (प्रेम रतन धन पायो, ओएमजी-2) ने अपनी उपस्थिति से छात्रों में उत्साह बढ़ाया। उद्घाटन में विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए कला, रचनात्मकता और विविधता का शानदार प्रदर्शन किया।

25 देशों की 100+ फिल्में, चार अलग-अलग आयु वर्गों के लिए विशेष स्क्रीनिंग
एलएक्सएल फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित इस फेस्टिवल में
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25 देशों की 100 से अधिक बाल फिल्मों को चुना गया,
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जिनमें एनिमेशन, लाइव एक्शन, डॉक्यूमेंट्री और छात्रों द्वारा बनाई गई शॉर्ट फिल्में शामिल रहीं।
फिल्मों को बच्चों की समझ और आयु के अनुसार 7 वर्ष से कम, 7+, 10+ और 13+ श्रेणियों में बांटकर प्रदर्शित किया गया।
ग्रेड 5 तक की फिल्में इंग्लिश या बिना संवाद वाली रखी गईं, जबकि उच्च कक्षाओं के लिए फिल्में मूल भाषा में अंग्रेज़ी उपशीर्षक सहित दिखाई गईं। इसका उद्देश्य बच्चों में वैश्विक सोच, सांस्कृतिक समझ और सहानुभूति बढ़ाना था।
“सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, संवेदनशीलता का पाठ भी” – अभिनेता क्षितिज पवार
अभिनेता क्षितिज पवार ने समारोह में कहा,
“फिल्में दिलों को जोड़ने, सोच बदलने और बच्चों में संवेदनशीलता पैदा करने की शक्ति रखती हैं। स्कूल सिनेमा जैसे महोत्सव ही बच्चों को समझाते हैं कि कहानियां हमें जीवन के बड़े सबक सिखाती हैं।”
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“फिल्में बेहतरीन शिक्षक होती हैं” – कविता केरावाला
विबग्योर ग्रुप ऑफ स्कूल्स की उपाध्यक्ष कविता केरावाला ने कहा,
“सिनेमा आत्मचिंतन और संवाद को जन्म देता है। हमारे लिए यह सिर्फ समारोह नहीं, बल्कि बच्चों को संवेदनशील कहानीकार बनाने की दिशा में एक कदम है।”
उन्होंने बताया कि स्कूल की शिक्षण फिलॉसफी में
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रचनात्मक अभिव्यक्ति,
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आत्मचिंतन,
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सहानुभूति
जैसे मूल्यों को विशेष स्थान दिया गया है, और यही तत्व इस फिल्म महोत्सव की आत्मा हैं।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग: दुनिया के प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवलों का समर्थन
SCIFF 2025 को विश्व स्तरीय फिल्म महोत्सवों जैसे —
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एनेसी (फ्रांस),
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एनीमेला (भारत),
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गिफोनी (इटली),
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ज़ीरो प्लस (रूस)
का भी समर्थन प्राप्त है।
यह फेस्टिवल इस वर्ष
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40,000 से अधिक सरकारी स्कूलों,
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1,000 निजी स्कूलों,
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और विबग्योर के 22 कैंपसों
तक पहुंचेगा, जहां कक्षाएं कुछ समय के लिए क्रिएटिव थिएटर स्पेस में बदलेंगी।
छात्रों का चिंतन सत्र: फिल्मों से मिली साहस, करुणा और बदलाव की प्रेरणा
इंदौर अध्याय के समापन में विद्यार्थियों ने रिफ्लेक्शन सेशन में भाग लिया। बच्चों ने साझा किया कि फिल्मों ने उन्हें साहस, दया, कल्पनाशीलता और टीमवर्क जैसे जीवन-पाठों को नए ढंग से समझने में मदद की।
बाल दिवस पर कहानी कहने की शक्ति को समर्पित मेल
यह पूरा महोत्सव विबग्योर के उस दृष्टिकोण को मजबूत करता है, जिसमें हर बच्चे को बेहतर कथाकार और संवेदनशील सोच वाला वैश्विक नागरिक बनाने का लक्ष्य है।
फेस्टिवल ने बच्चों को यह समझने की दिशा में प्रेरित किया कि कहानी केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि संस्कृतियों, मूल्यों और विचारों के बीच सेतु भी है।
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