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दिल्ली में CM डॉ. मोहन यादव की अमित शाह से सौजन्य मुलाकात; पिपरिया कलाकार की लकड़ी कला भेंट की
Jagran Desk
मध्यप्रदेश की पारंपरिक शिल्पकला का अनूठा उपहार; विकास कार्यों और केंद्र-राज्य सहयोग पर भी चर्चा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शाह के आवास पर हुई इस सौजन्य भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने पिपरिया के प्रसिद्ध कलाकार द्वारा निर्मित एक अनमोल लकड़ी की कलाकृति उन्हें उपहार स्वरूप भेंट की। यह मुलाकात आज की ताज़ा ख़बरों, भारत समाचार अपडेट और सरकारी अपडेट के अंतर्गत राजनीतिक एवं सांस्कृतिक महत्व के कारण चर्चा में रही।
पिपरिया के इस कुशल कलाकार द्वारा तैयार की गई कलाकृति मध्यप्रदेश की पारंपरिक लकड़ी शिल्प कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। महीनों की सूक्ष्म कारीगरी से बनी यह कृति प्रदेश की लोक परंपरा और हस्तशिल्प विरासत को दर्शाती है, जिसकी भेंट देकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने रेखांकित किया। अमित शाह ने इस उपहार की सराहना करते हुए मध्यप्रदेश की कला-कौशल और कारीगरों की प्रतिभा की प्रशंसा की।
यह पहल न केवल सांस्कृतिक सौहार्द का प्रतीक है, बल्कि प्रदेश के हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के प्रयासों का भी हिस्सा मानी जा रही है, जो राष्ट्रीय समाचार और ट्रेंडिंग न्यूज इंडिया में भी प्रमुखता से देखा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच प्रदेश के विकास कार्यों, केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहयोग, तथा प्रशासनिक समन्वय से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई। हालांकि इसे औपचारिक बैठक नहीं बल्कि एक शिष्टाचार भेंट बताया गया है। इसके बावजूद, इसे भविष्य की विकास योजनाओं पर संभावित संवाद के रूप में देखा जा रहा है, जो पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी के नजरिये से भी महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से भेंट कर मध्यप्रदेश के विभिन्न विषयों पर संवाद को आगे बढ़ा रहे हैं। इससे पहले भी वे राज्य से जुड़े कई प्रमुख प्रोजेक्ट, निवेश प्रस्ताव और अवसंरचना विकास योजनाओं पर केंद्र को अवगत करा चुके हैं। इस क्रम में अमित शाह से मुलाकात को राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों दृष्टियों से अहम माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश सरकार इन दिनों सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन संवर्धन और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। पिपरिया जैसे कस्बों के कारीगरों की कला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास अब मुख्यमंत्री स्तर तक पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी पहल प्रदेश के कला उद्योग को बाजार, पहचान और प्रोत्साहन दिलाने में मदद कर सकती है।
इस मुलाकात के बाद सरकारी सूत्रों ने बताया कि आने वाले महीनों में केंद्र-राज्य सहयोग से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों पर प्रगति देखने को मिल सकती है। फिलहाल इसे पारंपरिक शिल्पकला और औपचारिक सौजन्य संबंधों को मजबूत करने वाली भेंट के रूप में देखा जा रहा है।
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