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पुतिन के भारत दौरे से पहले मॉस्को में जयशंकर की अहम मुलाकात, वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियां तेज
Jagran Desk
भारत-रूस संबंधों पर उच्चस्तरीय चर्चा, क्षेत्रीय-वैश्विक मुद्दों पर भी हुई बात; दिसंबर में पुतिन की संभावित भारत यात्रा से पहले कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हुईं।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब रूस के राष्ट्रपति दिसंबर की शुरुआत में भारत दौरे पर आ सकते हैं। दोनों नेताओं के बीच वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर विस्तृत चर्चा हुई। जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के सिलसिले में रूस पहुंचे थे और इसी दौरान क्रेमलिन में यह महत्वपूर्ण कूटनीतिक वार्ता हुई।
विदेश मंत्री ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राष्ट्रपति पुतिन को अभिवादन भी प्रेषित किया। जयशंकर ने बताया कि मुलाकात में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन, रणनीतिक साझेदारी और वर्तमान वैश्विक हालात पर भी बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि भारत रूस के साथ अपने राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्रेमलिन के सीनेट पैलेस के प्रतिनिधि कार्यालय में आयोजित इस मुलाकात के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने जयशंकर का गर्मजोशी से स्वागत किया। बैठक में भारत के राजदूत विनय कुमार और संयुक्त सचिव मयंक सिंह भी मौजूद थे। रूसी पक्ष से भी वरिष्ठ अधिकारियों ने वार्ता में हिस्सा लिया। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि पुतिन की प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले द्विपक्षीय एजेंडा को अंतिम रूप देने के लिए यह शीर्ष स्तर का संवाद जरूरी था।
सोमवार को जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भी विस्तृत चर्चा की थी। दोनों नेताओं ने रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था पर भारत-रूस की साझा दृष्टि को आगे बढ़ाने के मुद्दों पर बात की। भारत अगले महीने निर्धारित एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद बैठक से पहले संगठन के विस्तार, आतंकवाद पर कार्रवाई और क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
एससीओ मंच पर अपने संबोधन में जयशंकर ने कहा कि विश्व समुदाय को आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” अपनाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता और न ही इसे नजरअंदाज किया जा सकता है। भारत की यह टिप्पणी इसलिए भी अहम है क्योंकि क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियाँ लगातार बढ़ रही हैं।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के लिए संभावित तिथि पांच दिसंबर के आसपास मानी जा रही है। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी, व्यापार विस्तार और वैश्विक समन्वय पर कई अहम समझौतों पर बात हो सकती है। भारत-रूस संबंध लंबे समय से रणनीतिक रूप से मजबूत रहे हैं और मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों में इन रिश्तों का महत्व और भी बढ़ गया है।
यह मुलाकात भारत-रूस संबंधों के नए चरण की तैयारी के रूप में देखी जा रही है। आने वाले हफ्तों में दोनों देशों के बीच कई स्तरों पर संवाद और तेज होने की उम्मीद है। ऐसी कूटनीतिक गतिविधियाँ आज की ताज़ा खबरों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार, सरकारी अपडेट और पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरीज में लगातार चर्चा में बनी हुई हैं।
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