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भोपाल-इंदौर हाईवे पर विक्रमादित्य द्वार का भूमिपूजन, फंदा का नाम बदला; मुख्यमंत्री बोले—दिखावे से नहीं, करके दिखाना होगा
Bhopal, MP
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सामाजिक दिखावे और अनावश्यक खर्च पर सख्त संदेश देते हुए कहा कि मृत्यु भोज और शादियों में फालतू पैसा उड़ाना बंद किया जाना चाहिए।
भोपाल के फंदा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे खर्च परिवारों को कर्ज में डुबो देते हैं और गरीबों को मजबूरी में अपनी जमीन तक गिरवी रखनी पड़ती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि परंपराओं के नाम पर बोझ बढ़ाने के बजाय सादगी अपनाएं और संसाधनों का उपयोग शिक्षा व भविष्य निर्माण में करें।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे पर बनने वाले विक्रमादित्य द्वार का भूमिपूजन किया। उन्होंने घोषणा की कि यह द्वार उज्जैन के विक्रमादित्य द्वार की तर्ज पर बनेगा और क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा। इसी मौके पर मुख्यमंत्री ने फंदा का नाम बदलकर ‘हरिहर नगर’ रखने की घोषणा भी की।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने व्यक्तिगत उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं अपने बेटे अभिमन्यु की शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराई। उन्होंने कहा, “मैंने वही किया, जो समाज से कह रहा हूं। मेरा बेटा और बहू दोनों डॉक्टर हैं, लेकिन शादी एक साधारण सामूहिक सम्मेलन में हुई, जहां हर वर्ग के लोग शामिल थे। सबका साथ-सबका विकास केवल नारा नहीं, इसे अमल में लाना होगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि मृत्यु के बाद बड़े भोज आयोजित करने की परंपरा समाज के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने चेताया कि बड़े लोग ऐसा करते हैं तो गरीब भी उसी दिखावे में कर्ज ले लेते हैं। “जमीन बुजुर्गों की सौगात है, इसे बचाकर रखना चाहिए,” उन्होंने कहा। साथ ही शादियों में भी सीमित और सादे आयोजन करने की अपील की।
कार्यक्रम में उन्होंने शिक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर देते हुए कहा कि दिखावे से बचें और संकल्प लें कि पैसा बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गरीबों और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने राजनीतिक मुद्दों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली राशि पर विपक्ष राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान और सशक्तिकरण सरकार की प्राथमिकता है और यह प्रदेश की संस्कृति का हिस्सा है।
कार्यक्रम में विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा फंदा का नाम बदलने और शैक्षणिक व विकास कार्यों की मांग रखी गई, जिस पर मुख्यमंत्री ने तूमड़ा हाईस्कूल भवन निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही कॉलेज भवन और औद्योगिक केंद्र के प्रस्तावों पर भी सहमति जताई।
यह आयोजन डॉ. मोहन यादव सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास, सुशासन और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में लगातार प्रयास जारी हैं और भोपाल-इंदौर मार्ग पर बनने वाला विक्रमादित्य द्वार उसी विजन का प्रतीक होगा।
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