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उज्जैन नशा-मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक की मौत, शरीर पर चोटों के निशान; परिवार ने मारपीट का आरोप लगाया
Ujjain, MP
आरडी गार्डी अस्पताल में मृत घोषित हुए 41 वर्षीय हरीश निर्मल, पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार शुरू किया
उज्जैन के मंगलनाथ मार्ग स्थित एक निजी नशा-मुक्ति केंद्र में भर्ती 41 वर्षीय युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। मृतक की पहचान पवांसा थाना क्षेत्र के शंकरपुर निवासी हरीश निर्मल के रूप में हुई है। परिजनों ने युवक के शरीर पर चोटों और खून के निशान मिलने के बाद नशा-मुक्ति केंद्र के कर्मचारियों पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, हरीश निर्मल को 6 दिसंबर को ‘नव मानस नशा मुक्ति केंद्र’ में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार देर रात करीब 12:30 बजे केंद्र से जुड़े दो लोग हरीश के परिजनों के घर पहुंचे और उसकी तबीयत बिगड़ने की सूचना दी। बताया गया कि उसे इलाज के लिए आरडी गार्डी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजन जब अस्पताल पहुंचे, तब तक डॉक्टरों ने हरीश को मृत घोषित कर दिया था।
शनिवार सुबह शव को जब घर लाया गया, तो परिवार के सदस्यों ने हरीश के शरीर पर कई जगह चोट के निशान और खून देखा। इसके बाद उन्होंने तत्काल जीवाजी गंज थाना पुलिस को सूचना दी और नशा-मुक्ति केंद्र में उसके साथ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि हरीश की हालत भर्ती के समय सामान्य थी और अचानक उसकी मौत कई सवाल खड़े कर रही है।
परिवार के संदेह को देखते हुए पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। एडिशनल एसपी आलोक शर्मा ने बताया कि युवक की मौत अस्पताल में हुई थी और परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा और उसी के अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मृतक के मौसेरे भाई नरेंद्र वाडिया ने बताया कि हरीश शराब का आदी था और इसी कारण उसे नशा-मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था। परिवार का कहना है कि यदि कोई चिकित्सकीय समस्या थी, तो इसकी जानकारी समय रहते क्यों नहीं दी गई। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, नशा-मुक्ति केंद्र के डायरेक्टर उमेश वैष्णव ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि हरीश को चार-पांच दिन पहले ही भर्ती किया गया था और उसके साथ केंद्र में किसी तरह की मारपीट नहीं हुई। उन्होंने दावा किया कि हरीश को पहले से हृदय संबंधी बीमारी थी और शुक्रवार को उसे साइलेंट हार्ट अटैक आया, जिससे उसकी मौत हुई। वैष्णव के अनुसार, चोट के निशान घर पर हुई किसी पुरानी मारपीट के हो सकते हैं और केंद्र परिसर के सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद हैं।
हरीश निर्मल अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों—एक बेटा और एक बेटी—को छोड़ गया है। वह पेशे से कंस्ट्रक्शन का काम करता था, जबकि उसके पिता ग्यारसीलाल निर्मल सेवानिवृत्त कंपाउंडर हैं। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और लोग निजी नशा-मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि यह मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि युवक की मौत प्राकृतिक थी या किसी लापरवाही अथवा हिंसा का परिणाम।
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