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इंदौर में एक्सिस बैंक का ‘इवॉल्व’ कार्यक्रम: एमएसएमई को 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य से जोड़ने की पहल
Digital Desk
एमएसएमई के लिए ज्ञान-साझा मंच ‘इवॉल्व’ का 10वां संस्करण, 120 से अधिक उद्यमियों की भागीदारी; विकास, फाइनेंस और तकनीक पर मंथन
भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की दिशा में एमएसएमई की भूमिका को मजबूत करने के उद्देश्य से एक्सिस बैंक ने इंदौर में अपनी प्रमुख ज्ञान-साझा श्रृंखला ‘इवॉल्व’ का 10वां संस्करण आयोजित किया। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सहित देशभर के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) से जुड़े उद्यमियों, उद्योग विशेषज्ञों और नीति से जुड़े जानकारों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का विषय “एमएसएमई: 10 ट्रिलियन डॉलर वाली भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत” रहा, जिसमें भारत की मौजूदा 4.1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था को वर्ष 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में एमएसएमई सेक्टर की भूमिका, संभावनाओं और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस सत्र में 120 से अधिक एमएसएमई प्रोमोटर्स और फाउंडर्स मौजूद रहे।
एक्सिस बैंक के प्रेसिडेंट एवं हेड – कमर्शियल बैंकिंग ग्रुप, श्री विजय शेट्टी और प्रेसिडेंट एवं हेड – मिड कॉरपोरेट्स एवं मीडियम एंटरप्राइज़ेज ग्रुप, श्री प्रशांत टी.एस. ने एमएसएमई इकोसिस्टम, बैंक की रणनीति और फाइनेंसिंग अवसरों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इसके बाद आयोजित पैनल चर्चा में श्री आनंद बंगुर (श्रीजी पॉलीमर्स), श्री गौरव आनंद (आनंद ज्वेलर्स) और श्री जीतन शादिजा (शिव ऑफसेट इंडिया प्रा. लि.) ने अपने व्यावहारिक अनुभव साझा करते हुए बताया कि बदलते बाजार में एमएसएमई किस तरह टिकाऊ विकास हासिल कर सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान यह भी रेखांकित किया गया कि मध्य प्रदेश में 44 लाख से अधिक पंजीकृत एमएसएमई हैं, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में लगभग एक-तिहाई योगदान देते हैं और करीब 85 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। ऐसे में राज्य की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर का महत्व और बढ़ जाता है, जो फार्मास्यूटिकल्स, फूड प्रोसेसिंग, इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल और ट्रेड जैसे क्षेत्रों में टियर-2 एमएसएमई ग्रोथ का नेतृत्व कर रहा है।
एक्सिस बैंक के श्री विजय शेट्टी ने कहा कि बैंक का मानना है कि एमएसएमई भारत की अगली आर्थिक छलांग के प्रमुख वाहक होंगे। “हमारा लक्ष्य केवल बैंकिंग सेवाएं देना नहीं, बल्कि छोटे उद्योगों को सही जानकारी, तकनीकी सहयोग और फाइनेंस के जरिए सशक्त बनाना है। इवॉल्व के माध्यम से हम उद्यमियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 70 प्रतिशत एमएसएमई को उत्पादन और व्यापार विस्तार के लिए औपचारिक ऋण की आवश्यकता होती है, जिससे यहां वित्तीय संस्थानों के लिए भी बड़े अवसर मौजूद हैं।
गौरतलब है कि बीते 10 वर्षों में ‘इवॉल्व’ पहल के जरिए एक्सिस बैंक देश के 50 से अधिक शहरों में 10,000 से ज्यादा उद्यमियों तक पहुंच चुका है। डिजिटल इवॉल्व प्लेटफॉर्म के जरिए अब यह सहयोग ऑनलाइन भी उपलब्ध है, जिससे एमएसएमई को विशेषज्ञ सलाह और संसाधन आसानी से मिल सकें। यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत के दीर्घकालिक विकास विजन को भी मजबूती प्रदान करता है।
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