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सर्दियों में क्यों बढ़ जाते हैं हार्ट अटैक के मामले? तापमान गिरते ही खतरा बढ़ने पर डॉक्टर ने बताए 4 बड़े कारण
Lifestyle
ठंड बढ़ते ही नसों के सिकुड़ने से लेकर ब्लड के गाढ़ा होने तक कई कारण दिल पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं; विशेषज्ञों ने दिए एहतियात के महत्वपूर्ण सुझाव।
ठंड का मौसम शुरू होते ही देशभर में हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडे मौसम में शरीर की सामान्य क्रियाएं बदल जाती हैं और दिल को अपेक्षा से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यह स्थिति कई बार हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या का कारण बन जाती है।
तापमान में अचानक गिरावट दिल और रक्त संचार तंत्र पर सीधा असर डालती है। उन्होंने बताया कि सर्दियों में कई छोटे-छोटे लक्षण भी बड़े खतरे का संकेत हो सकते हैं। छाती में दबाव, बाएं हाथ या कंधे तक फैलने वाला दर्द, अचानक थकान, सांस फूलना, चक्कर आना और ठंड में पसीना आना जैसे संकेतों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार, सर्द मौसम में कई लोग इन लक्षणों को सामान्य कमजोरी समझकर अनदेखा कर देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है।
तापमान गिरते ही हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ते हैं? डॉक्टर ने बताए 4 प्रमुख कारण
1. नसों का सिकुड़ना
डॉ. जैन बताते हैं कि ठंड में शरीर की खून की नसें स्वाभाविक रूप से सिकुड़ जाती हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में पहले से हृदय रोग से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
2. ब्लड का गाढ़ा होना
सर्द मौसम में ब्लड वॉल्यूम और तरलता पर असर पड़ता है। डॉक्टरों के अनुसार, ठंड में खून थोड़ा गाढ़ा हो जाता है, जो क्लॉट बनने का कारण बन सकता है। यही ब्लड क्लॉट हार्ट अटैक या स्ट्रोक की बड़ी वजह बनते हैं।
3. शरीर में ऑक्सीजन की कमी
ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है। कमजोर हार्ट वाले लोगों में इस अतिरिक्त मेहनत को संभालने की क्षमता कम होती है, जिसके कारण जोखिम बढ़ जाता है।
4. अचानक मेहनत या भारी व्यायाम
कई लोग ठंड में बिना वॉर्म-अप किए भारी काम या स्ट्रेंथ एक्सरसाइज शुरू कर देते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि ऐसी स्थिति में दिल पर अचानक दबाव बढ़ता है, जिससे धड़कन अनियमित हो सकती है और अटैक का खतरा बन जाता है।
कैसे बचें इस बढ़ते खतरे से?
डॉक्टर सलाह देते हैं कि शरीर को गर्म रखें, ठंडे वातावरण में अचानक न जाएं और नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें। हाई बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल वालों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। वॉर्म-अप के बिना भारी एक्सरसाइज न करें और धूम्रपान से पूरी तरह बचें। किसी भी असामान्य लक्षण—खासकर छाती में दर्द या सांस फूलने—पर तुरंत चिकित्सकीय मदद लें। विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर पहचान और उपचार से सर्दियों में बढ़ते हार्ट अटैक के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है।
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