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मुख्यमंत्री धामी ने जनता मिलन कार्यक्रम में सुनी लोगों की समस्याएं, अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश
Digital Desk
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए नागरिकों की समस्याओं और शिकायतों को सीधे सुना। यह कार्यक्रम राज्य के रजत जयंती वर्ष उत्सव के बाद मुख्यमंत्री द्वारा जनसंवाद को तेज करने की पहल का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में उपस्थित अधिकारियों और जनता के साथ संवाद किया। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों और क्षेत्रों से आए लोग अपनी समस्याओं और सुझावों के साथ उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनता से प्राप्त शिकायतों और मांगों का त्वरित निस्तारण किया जाए। उन्होंने कहा कि शिकायत निवारण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और तकनीकी माध्यमों से सुलभ बनाया जाए। साथ ही, नियमित फीडबैक प्रणाली सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया ताकि जनसेवा की गुणवत्ता में सुधार हो।

धामी ने कहा, “सरकार का लक्ष्य जनता की समस्याओं का समयबद्ध और संतोषजनक निस्तारण करना है। प्रत्येक विभाग को जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करना चाहिए और जन अपेक्षाओं के अनुरूप सक्रिय और संवेदनशील व्यवहार अपनाना चाहिए।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रशासन को जनता के और करीब लाने के लिए इस अवसर का पूर्ण लाभ उठाया जाए।
राज्य की रजत जयंती वर्ष जनता के साथ संवाद और भागीदारी का महत्वपूर्ण अवसर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष में जनता से प्राप्त सुझावों और मांगों को नीति निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाएगा। उनका मानना है कि राज्य के हर नागरिक को विकास योजनाओं का सीधा लाभ शीघ्र प्राप्त होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जनता से भी राज्यहित में रचनात्मक सुझाव देने और जनसेवा के प्रयासों में सहभागी बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रत्येक नीति और निर्णय का मूल उद्देश्य जनता का हित और प्रदेश का समग्र विकास है।

सरकार जनसमस्याओं के निवारण और जनता की भागीदारी को बढ़ाने के लिए तकनीकी मंच और फीडबैक प्रणाली को और सुदृढ़ करने पर काम कर रही है। आगामी महीनों में इसी प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से मुख्यमंत्री सीधे संवाद जारी रखने की योजना बना रहे हैं।
यह कार्यक्रम राज्य प्रशासन और जनता के बीच विश्वास और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
