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इंडिगो संकट 7वें दिन भी बरकरार: 250 से ज्यादा उड़ानें रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने तात्कालिक सुनवाई से किया इनकार
National
देशभर में फ्लाइट कैंसिलेशन जारी; DGCA ने कंपनी को नोटिस के जवाब के लिए 24 घंटे का अतिरिक्त समय दिया। कई एयरपोर्ट यात्रियों की भीड़ और फंसे बैगेज से जूझ रहे हैं।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन संकट सोमवार को सातवें दिन भी जारी रहा। दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, श्रीनगर, चेन्नई और अहमदाबाद सहित कई प्रमुख हवाई अड्डों पर कुल 250 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। कंपनी के संचालन प्रभावित रहने से यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति आज की ताज़ा ख़बरों में सबसे प्रमुख राष्ट्रीय समाचार बन गई है।
सोमवार सुबह दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट ने जानकारी दी कि इंडिगो ने 134 उड़ानें रद्द की हैं, जिनमें 75 प्रस्थान और 59 आगमन शामिल हैं। बेंगलुरु में 127 फ्लाइट्स रद्द हुईं, जबकि हैदराबाद एयरपोर्ट ने 77 उड़ानें रद्द होने की पुष्टि की। चेन्नई में 71, अहमदाबाद में 18, तिरुवनंतपुरम में 5 और श्रीनगर में 16 उड़ानें रद्द की गईं। रविवार को एयरलाइन ने करीब 650 फ्लाइट्स रद्द की थीं, जिससे यात्रियों में असंतोष और बढ़ गया।
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा है कि स्थिति हर दिन बेहतर हो रही है और 10 दिसंबर तक ऑपरेशन सामान्य हो जाने की उम्मीद है। शुरुआत में कंपनी ने 10 से 15 दिसंबर के बीच संचालन पटरी पर लाने का लक्ष्य रखा था। कंपनी का दावा है कि उसकी 2,300 दैनिक उड़ानों में से लगभग 1,650 का संचालन किया गया। एयरलाइन ने यह भी बताया कि हालिया संकट के दौरान ₹610 करोड़ के रिफंड प्रोसेस किए गए और 3,000 यात्रियों का बैगेज वापस पहुंचाया गया।
संकट के कारणों को स्पष्ट करते हुए इंडिगो ने कहा कि नई एफडीटीएल (Flight Duty Time Limit) व्यवस्था लागू होने के बाद क्रू प्लानिंग में पर्याप्त ‘बफर’ न होने से संचालन प्रभावित हुआ। कंपनी का कहना है कि पायलटों की कमी नहीं है, लेकिन अन्य एयरलाइनों की तुलना में बफर स्टाफ कम होने से बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मामलों की समिति भी इंडिगो और डीजीसीए के अधिकारियों को तलब कर सकती है।
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने इंडिगो संकट पर दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि सरकार पहले ही इस मामले में कार्रवाई कर रही है। चीफ जस्टिस डी.वाई. सूर्यकांत ने कहा कि अदालत एयरलाइन नहीं चला सकती। सुनवाई अब 10 दिसंबर को होगी। इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्र को यात्रियों को राहत देने के निर्देश देने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया है।
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 से मिली तस्वीरों में दिखा कि इंडिगो की पेंडिंग बैगेज डेडलाइन बीतने के बाद भी कई बैग अभी तक यात्रियों तक नहीं पहुंच सके हैं। डीजीसीए ने कंपनी को भेजे गए कारण बताओ नोटिस के जवाब के लिए 24 घंटे का अतिरिक्त समय दिया है, जिसके तहत एयरलाइन सोमवार शाम तक अपना स्पष्टीकरण दे सकेगी।
फिलहाल यात्री उम्मीद लगाए बैठे हैं कि 10 दिसंबर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी। लेकिन लगातार रद्द हो रही उड़ानों और देरी से लौटते बैगेज के बीच यात्रियों की परेशानी बढ़ती जा रही है। यह मामला राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार में भी चर्चा में है और सोशल मीडिया पर #IndiGoCrisis शीर्ष ट्रेंड में शामिल है।
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