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पाकिस्तानी मंत्री दिलजीत दोसांझ–करण औजला के फैन बने; कहा— ‘इनसे पहले पंजाबियों को कौन जानता था, अब तो दुनिया मान रही है दम’
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लाहौर की पंजाबी कॉन्फ्रेंस में राणा सिकंदर हयात ने दोनों भारतीय कलाकारों की खुलकर तारीफ की; बोले— पंजाबी गीत-संगीत ने पूरी दुनिया में पहचान बनाई।
पंजाबी संगीत और भारतीय कलाकारों की वैश्विक लोकप्रियता का असर अब पाकिस्तान की राजनीति तक पहुंच गया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शिक्षा मंत्री राणा सिकंदर हयात ने लाहौर में हुई पंजाबी कॉन्फ्रेंस के दौरान सिंगर-एक्टर दिलजीत दोसांझ और गीतकार-गायक करण औजला की खुलकर सराहना की। मंत्री ने कहा कि इन कलाकारों ने पंजाबी भाषा और संस्कृति को जिस स्तर तक पहुंचाया है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि “इनसे पहले पंजाबियों को दुनिया कितनी जानती थी? अब दिलजीत और करण ने पंजाबी को हर महाद्वीप तक पहुंचा दिया है। आज हर जगह इनके गाने ही चलतेहैं।”
कॉन्फ्रेंस के दौरान राणा सिकंदर ने कहा कि पंजाबी चाहे भारत के हों या पाकिस्तान के, दोनों ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने यह भी माना कि पहले पंजाबी गीतों को सीमित दायरे में समझा जाता था, लेकिन दिलजीत दोसांझ और करण औजला की वजह से नजरिया बदल गया है। “पहले लोग कहते थे— कोई पेंडू गाना चला दो। अब लोग खुद इन दोनों के गाने तलाशते हैं,” राणा ने कहा।
मंत्री ने दिलजीत के लोकप्रिय गीतों का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान में उनकी लोकप्रियता भारत से कम नहीं है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “अब तो दिलजीत चलता है, सिफर चलता है, सफर चलता है, गोट चलता है।” राणा का कहना था कि दोनों कलाकारों ने पंजाबी को फैशन और गर्व की भाषा बना दिया है।
पंजाबी भाषा पर गर्व, हरियाणवी पर भी दावा
कॉन्फ्रेंस के दौरान राणा सिकंदर ने अपनी भाषाई पृष्ठभूमि का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी मां और बहनें पंजाबी बोलती हैं, जबकि पत्नी को यह भाषा नहीं आती। “मैं पंजाबी भी बोल सकता हूं और हरियाणवी भी। मेरे घर में दो जुबानें हैं— रांगड़ी और पंजाबी,” उन्होंने कहा।
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जहां भारतीय और पाकिस्तानी उपयोगकर्ताओं ने इसे सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक बताया।
‘दिलजीत और औजला को पाकिस्तान लाओ, मैं भी जंग लड़ूंगा’
कॉन्फ्रेंस में मौजूद एक सिख प्रतिनिधि ने जब कहा कि अगर दिलजीत दोसांझ और करण औजला पाकिस्तान आएं तो कलाकारों के बीच सांस्कृतिक साझेदारी और मजबूत हो सकती है, तो मंत्री ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा— “अगर आप इन्हें लेकर आते हैं, तो मैं भी गीत-संगीत की जंग में उतरूंगा।” इस पर दोनों के बीच मजाकिया तौर पर “बराबर की पार्टनरशिप” की बात भी बनी।
क्यों कर रहे हैं पाकिस्तानी मंत्री तारीफ?
पंजाबी संगीत और भारतीय कलाकारों का वैश्विक प्रभाव हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है। दिलजीत दोसांझ हॉलीवुड और ग्लोबल म्यूजिक फेस्टिवल्स तक पहुंच चुके हैं, जबकि करण औजला इंटरनेशनल चार्ट्स में लगातार जगह बना रहे हैं।
पाकिस्तानी युवाओं में भी इन कलाकारों की लोकप्रियता असाधारण है, जिसके कारण राजनीतिक मंचों पर भी इनके नाम गूंजने लगे हैं।
फिलहाल यह बयान दोनों देशों के सांस्कृतिक रिश्तों पर सकारात्मक प्रभाव डालता दिख रहा है, खासकर ऐसे दौर में जब संगीत और फिल्में सीमाओं से परे साझा भावनाओं का माध्यम बन गई हैं।
