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घर के इन हिस्सों में साफ-सफाई रखें, वरना बढ़ सकता है वास्तु दोष
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मुख्य द्वार, ईशान कोण, रसोई और बाथरूम जैसी जगहों पर स्वच्छता से आती है सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि
वास्तु शास्त्र में घर की सफाई को केवल स्वच्छता ही नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने का महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, घर के कुछ हिस्सों की अनदेखी न केवल नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है, बल्कि परिवार की खुशहाली और स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती है।
मुख्य द्वार – घर की ऊर्जा का प्रवेश द्वार
घर का मुख्य द्वार वास्तु के अनुसार सबसे महत्वपूर्ण होता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि मेन गेट पर गंदगी या अव्यवस्था सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोक सकती है। इसके लिए यह जरूरी है कि मुख्य द्वार हमेशा साफ, रोशन और व्यवस्थित रहे।
ईशान कोण – उत्तर-पूर्व दिशा में स्वच्छता
वास्तु शास्त्र में उत्तर-पूर्व दिशा या ईशान कोण का विशेष महत्व है। इसे घर में सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इस दिशा में स्वच्छता बनाए रखने से परिवार के स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आर्थिक समृद्धि में सुधार होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ईशान कोण में जमा धूल, कबाड़ या गंदगी वास्तु दोष को जन्म देती है।
रसोई
रसोई भी घर का अहम हिस्सा है। वास्तु के अनुसार, टूटा-फूटा सामान, खराब या बासी खाना, और अव्यवस्थित उपकरण नकारात्मक ऊर्जा पैदा कर सकते हैं। साफ-सुथरी रसोई, व्यवस्थित किचन कैबिनेट और नियमित कचरा निस्तारण से घर में खुशहाली बनी रहती है।
बाथरूम और टॉयलेट नजरअंदाज न करें
अधिकतर लोग बाथरूम और टॉयलेट की सफाई को नजरअंदाज कर देते हैं। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि इन जगहों की गंदगी नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है और घर में तनाव या अस्वास्थ्यकर वातावरण का कारण बन सकती है। नियमित सफाई और हवादार व्यवस्था जरूरी है।
अन्य हिस्सों का ध्यान – छत, बालकनी और कॉर्नर
घर की छत, बालकनी और कोनों में जमा धूल और कबाड़ भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसलिए इन हिस्सों की सफाई और नियमित देखभाल वास्तु दोष को कम करती है और घर में सुख-समृद्धि बनाए रखती है।
