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पंचांग: उत्पन्ना एकादशी पर करें जगत के पालनहार विष्णु की पूजा, आज उपवास से मिलेगा शुभ फल
Dharm, Desk
आज शनिवार 15 नवंबर 2025 को मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। यह पावन तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है। नई ज्वेलरी खरीदने, भगवान विष्णु की आराधना करने और एकादशी व्रत रखने के लिए यह दिन अत्यंत शुभ बताया गया है। मार्गशीर्ष की इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि आज व्रत-पूजन करने से मनुष्य को विशेष पुण्यफल प्राप्त होता है।
15 नवंबर 2025 का विस्तृत पंचांग
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विक्रम संवत : 2081
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मास : मार्गशीर्ष
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पक्ष : कृष्ण पक्ष
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तिथि : एकादशी
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दिन : शनिवार
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योग : वैधृति
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नक्षत्र : उत्तरा फाल्गुनी
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करण : बव
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चंद्र राशि : कन्या
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सूर्य राशि : तुला
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सूर्योदय : सुबह 06:52 बजे
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सूर्यास्त : शाम 05:55 बजे
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चंद्रोदय : देर रात 03:08 बजे (16 नवंबर)
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चंद्रास्त : दोपहर 02:37 बजे
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राहुकाल : 09:38 से 11:01 बजे
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यमगंड : 13:46 से 15:09 बजे
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का विशेष प्रभाव
आज चंद्रमा कन्या राशि में और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। यह स्थिर प्रकृति का नक्षत्र है, जिसके देवता अर्यम हैं और नक्षत्र स्वामी सूर्य हैं।
यह नक्षत्र निम्न कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है—
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नई पढ़ाई शुरू करना
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कुआं या बोरिंग खुदवाना
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नींव डालना
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भूमि खरीदना
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पेड़ लगाना
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देव स्थापना
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मंदिर निर्माण
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किसी भी स्थायी काम की शुरुआत
आज का वर्जित समय
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राहुकाल : सुबह 09:38 से 11:01 बजे
शुभ कार्य इस अवधि में टालने की सलाह दी जाती है। -
यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् : इन अशुभ कालों से भी परहेज रखना उचित रहेगा।
