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बैतूल जिला अस्पताल में आदिवासी महिला की मौत पर बवाल: परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप, सड़क पर लेटकर किया विरोध
Betul, MP
पोस्टमार्टम के बाद भी परिजनों ने शव लेने से किया इंकार; चार सदस्यीय जांच समिति गठित, अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
बैतूल जिला अस्पताल में एक आदिवासी महिला की मौत के बाद शनिवार को माहौल तनावपूर्ण हो गया। मृतका के परिजनों और आदिवासी संगठनों ने अस्पताल गेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए इलाज में लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया। सड़क पर लेटकर विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने जिम्मेदार महिला डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। यह मामला आज की ताज़ा ख़बरों और मध्यप्रदेश अपडेट में प्रमुखता से सामने आया है, जिसने पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी का रूप ले लिया है।
जानकारी के अनुसार चौपना क्षेत्र के ईमलीखेड़ा निवासी 25 वर्षीय समोती मोचम ने 7 नवंबर को जिला अस्पताल में सामान्य प्रसव के माध्यम से एक बच्ची को जन्म दिया था। चिकित्सकों ने उन्हें 12 नवंबर को स्वास्थ्य सुधार का हवाला देते हुए छुट्टी दे दी थी। परिवार का कहना है कि छुट्टी के बाद भी महिला की तबीयत बार-बार खराब हो रही थी।
शुक्रवार सुबह समोती की हालत अचानक बिगड़ गई। परिजन शाम को उन्हें निजी वाहन से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। इलाज शुरू हुआ ही था कि देर रात उनकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि गंभीर हालत होने के बावजूद समय पर जरूरी उपचार नहीं दिया गया, जिससे महिला की जान चली गई।
परिवार ने संबंधित महिला डॉक्टर पर अनपढ़ता का फायदा उठाने का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि कुछ दस्तावेजों पर अंगूठा लगवाया गया और मौत के बाद साक्ष्य छिपाने की कोशिश की गई। हालांकि इन आरोपों की अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है और न ही डॉक्टर की ओर से कोई बयान सामने आया है।
महिला की मौत के बाद परिजन और स्थानीय संगठनों का आक्रोश बढ़ गया। अस्पताल गेट पर सड़क पर लेटकर विरोध जताते लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। शनिवार सुबह पोस्टमार्टम किया गया, लेकिन परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। शव फिलहाल जिला अस्पताल की मर्चुरी में रखा हुआ है।
सिविल सर्जन ने मामले को गंभीर मानते हुए चार डॉक्टरों की विशेष जांच समिति गठित की है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्राथमिक जांच में कई सवाल उठे हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी गई है।
विरोध कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीनों में जिला अस्पताल में कई संदिग्ध मौतें हुई हैं, जिससे अस्पताल की कार्यप्रणाली और सुविधा स्तर पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। लोगों की मांग है कि दोषी डॉक्टर पर तत्काल कार्रवाई हो, अस्पताल प्रशासन की जवाबदेही तय की जाए और स्वास्थ्य सेवाओं में तत्काळ सुधार किया जाए।
यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्य भर में चर्चा का विषय बन गया है और राष्ट्रीय-क्षेत्रीय समाचार पोर्टलों पर ट्रेंडिंग न्यूज इंडिया के रूप में उभर रहा है।
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