- Hindi News
- राज्य
- मध्य प्रदेश
- भोपाल में करणी सेना का सीएम हाउस कूच रोका गया: बोले—‘मांगें नहीं मानी तो भोपाल को नेपाल बना देंगे’,
भोपाल में करणी सेना का सीएम हाउस कूच रोका गया: बोले—‘मांगें नहीं मानी तो भोपाल को नेपाल बना देंगे’, पुलिस ने भारी बल के साथ रोका
Bhopal, MP
15 सूत्रीय मांगों को लेकर खुशीलाल ग्राउंड में क्षत्रिय क्रांति सम्मेलन; अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने सीएम हाउस की ओर मार्च शुरू किया
भोपाल में शुक्रवार को करणी सेना का आंदोलन उस समय उग्र हो गया, जब संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपनी 15 मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच कर दिया। दोपहर 2 बजे तक सीएम ऑफिस से कोई अधिकारी सम्मेलन स्थल नहीं पहुंचा, जिसके बाद हजारों कार्यकर्ता खुशीलाल ग्राउंड से सड़क पर उतरे और मार्च शुरू कर दिया।
इंदौर-अहमदाबाद हाईवे के समीप आयोजित क्षत्रिय क्रांति सम्मेलन में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में समाजजन जुटे थे। करणी सेना पदाधिकारियों का कहना था कि वे ज्ञापन तभी सौंपेंगे जब सीएम ऑफिस का प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। निर्धारित समय बीतने पर संगठन ने सीएम हाउस की ओर बढ़ने का निर्णय लिया।
मार्च शुरू होते ही पुलिस ने सड़क पर बैरिकेडिंग कर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया। कार्यकर्ताओं को कुछ दूरी पर ही रोक लिया गया, जिसके बाद वे सड़क पर बैठकर नारेबाजी और प्रदर्शन करने लगे। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है।
इस दौरान करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा का बयान विवादों में आ गया। राणा ने कहा, “हमने सीएम ऑफिस को अल्टीमेटम दिया था कि 2 बजे तक अधिकारी भेजें। जब कोई नहीं आया, तो हम सीएम हाउस कूच करना शुरू कर चुके हैं। यह आंदोलन की शुरुआत है। हमारी मांग है कि हरदा प्रकरण में कलेक्टर और एसपी को तुरंत निलंबित किया जाए। अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो हमें भोपाल को नेपाल बनाने में देर नहीं लगेगी।”
करणी सेना ने स्पष्ट किया है कि वे ज्ञापन पुलिस को नहीं, बल्कि सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी को ही सौंपेंगे। संगठन का आरोप है कि प्रशासन उनकी शिकायतों और पुराने विवादों पर कार्रवाई नहीं कर रहा।
हरदा विवाद क्या है?
हरदा जिले में करणी सेना और पुलिस के बीच चल रहे टकराव की शुरुआत 1.52 कैरेट के हीरे को लेकर हुए कथित धोखाधड़ी मामले से हुई। करणी सेना के पदाधिकारी आशीष राजपूत का आरोप है कि पिछले वर्ष उनके साथ 18 लाख रुपए की ठगी हुई, लेकिन जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं हुई। संगठन का दावा है कि पुलिस और आरोपियों के बीच मिलीभगत है।
विवाद तब और बढ़ गया जब इस मामले को लेकर हुए हंगामे के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया और जिलाध्यक्ष समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर जब हरदा पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया। इसी के बाद प्रदेशभर में विरोध तेज हो गया है और भोपाल का यह सम्मेलन उसी श्रृंखला का हिस्सा है।
पुलिस ने स्थिति पर निगरानी बढ़ा दी है और अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह से कानून-व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी। संगठन ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।
हमारे आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स से जुड़ें –
🔴 व्हाट्सएप चैनल: https://whatsapp.com/channel/0029VbATlF0KQuJB6tvUrN3V
🔴 फेसबुक: Dainik Jagran MP/CG Official
🟣 इंस्टाग्राम: @dainikjagranmp.cg
🔴 यूट्यूब: Dainik Jagran MPCG Digital
📲 सोशल मीडिया पर जुड़ें और बने जागरूक पाठक।
👉 आज ही जुड़िए!
