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गुरुवार का महत्व: जानें तुलसी पूजा और आरती के सही नियम, जिनसे घर में बढ़े सुख-शांति
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तुलसी चालीसा पाठ से शुभ फल की मान्यता; गुरुवार को मंदिरों व घरों में विशेष पूजा-अर्चना
हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन मां तुलसी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन तुलसी चालीसा का पाठ और सही दिशा में आरती करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। विशेषज्ञों ने कहा कि पूजा के दौरान दिशा और विधि का पालन करना न केवल धार्मिक नियमों का हिस्सा है, बल्कि इससे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती है।
धार्मिक विद्वानों के अनुसार, तुलसी माता को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करना चाहिए। पूजा में तुलसी के पत्ते, जल, दीपक और पुष्प अर्पित करना आवश्यक है। इसके साथ ही तुलसी चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि और रोग-दोषों से मुक्ति मिलती है।
गुरुवार को तुलसी चालीसा का पाठ करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसमें तुलसी माता की महिमा, उनके पतिव्रता रूप की कथा और उनके द्वारा प्रदान किए गए आशीर्वाद का वर्णन मिलता है। कथा के अनुसार, तुलसी माता ने अपनी भक्ति और तपस्या से भगवान हरि को प्रसन्न किया और भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान दिया।
हिन्दू धर्म में घर में तुलसी का पौधा होना और उसकी नियमित देखभाल करना भी शुभ माना जाता है। तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना और भजन-पाठ करना पारिवारिक सौहार्द और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है। साथ ही तुलसी चालीसा के पाठ से मानसिक तनाव कम होता है और घर में शांति का वातावरण बना रहता है।
धार्मिक गतिविधियों और आस्था पर आधारित अध्ययन बताते हैं कि सही दिशा और विधि से आरती और पूजा करना न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक जीवन में भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों ने अनुशंसा की है कि श्रद्धालु अपने घर में तुलसी की पूजा को नियमित रूप से अपनाएं और पूजा नियमों का पालन करें।
इस प्रकार, गुरुवार का दिन और तुलसी पूजा धार्मिक आस्था के साथ-साथ सकारात्मक जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि तुलसी चालीसा का पाठ और सही दिशा में आरती करने से जीवन में स्थायित्व, धन, सुख और समृद्धि बनी रहती है।
