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कोरबा में प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मांतरण का आरोप, खेत में बवाल; हिंदू संगठन और ईसाई समुदाय आमने-सामने
Korba, CG
कटघोरा थाना क्षेत्र के सुतर्रा गांव में तनाव, बजरंग दल का दावा—बीमार और निःसंतान लोगों को बनाया जा रहा था निशाना, पुलिस जांच में जुटी
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में रविवार को कथित धर्मांतरण को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। कटघोरा थाना क्षेत्र के सुतर्रा गांव में खेत में आयोजित एक प्रार्थना सभा के दौरान ईसाई समुदाय और हिंदू संगठनों के बीच जमकर विवाद हुआ। मामला इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों को थाने पहुंचना पड़ा, जहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। फिलहाल पुलिस ने सरपंच की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह सुतर्रा गांव में एक खेत में पंडाल लगाकर प्रार्थना सभा आयोजित की गई थी। इस सभा का नेतृत्व पास्टर बजरंग जायसवाल कर रहे थे। सैकड़ों ग्रामीणों के शामिल होने की सूचना मिलने पर गांव की सरपंच संतोषी बाई ने प्रशासन को अवगत कराया। इसके बाद बजरंग दल सहित अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया।
बजरंग दल के जिला अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि पास्टर बजरंग जायसवाल बाहर से लोगों को बुलाकर गांवों में ऐसी सभाएं आयोजित करते हैं। उनका दावा है कि सभा के दौरान गंभीर बीमारियों, कैंसर और निःसंतानता जैसी समस्याओं को प्रार्थना से ठीक करने का दावा किया जाता है, जिससे कमजोर और परेशान लोग झांसे में आ जाते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पास्टर पूर्व में भी कटघोरा क्षेत्र में इसी तरह की “चंगाई सभाएं” कर चुका है और इन मामलों में जेल भी जा चुका है।
विवाद बढ़ने पर ईसाई समुदाय की महिलाएं और ग्रामीण भी बड़ी संख्या में सड़क पर उतर आए और हिंदू संगठनों के आरोपों का विरोध किया। दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक और नारेबाजी हुई, जिससे कुछ समय के लिए इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ने हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को समझाइश देकर थाने ले जाया गया।
कटघोरा थाने में भी माहौल तनावपूर्ण रहा। हिंदू संगठनों ने पास्टर जायसवाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि ऐसी गतिविधियां आगे भी जारी रहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं ईसाई समुदाय के लोगों ने धर्मांतरण के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यह केवल प्रार्थना सभा थी और किसी पर दबाव नहीं डाला गया।
थाना प्रभारी धर्मनारायण तिवारी ने बताया कि सरपंच की शिकायत के आधार पर बजरंग जायसवाल सहित अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल दोनों पक्षों से पूछताछ जारी है और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।
प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और किसी भी समुदाय को कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मामले की जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि प्रार्थना सभा धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे में थी या इसके पीछे किसी तरह का अवैध धर्मांतरण का प्रयास किया गया था।
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