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सारंगढ़-बिलाईगढ़ में FDA की बड़ी रेड: कारोबारी के घर से 50 लाख की नकली दवाइयां जब्त
Raipur, CG
एलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाओं के 200 कार्टून बरामद; बेटे के मोबाइल ने खोला बड़ा सुराग
छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की टीम ने एक बड़े नकली दवा रैकेट का पर्दाफाश किया है। सरस्वती मेडिकल स्टोर के संचालक खेमराज बानी के घर और दुकान से 50 लाख रुपए मूल्य की एलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाइयां जब्त की गईं। ये दवाइयां नकली हैं या नहीं, इसकी जांच चल रही है। यह मामला आज की ताज़ा ख़बरें और ट्रेंडिंग न्यूज इंडिया में चर्चा का विषय बन गया है।
FDA की टीम के अनुसार, जब्त की गई दवाइयों की मात्रा करीब 200 कार्टून है। कारोबारी ने इन्हें अपने घर के तीन अलग-अलग कमरों में छिपाया हुआ था। टीम ने छापेमारी के दौरान कारोबारी के बेटे के मोबाइल से अहम सुराग भी प्राप्त किए। मोबाइल में नागपुर और गोगांव से पहले पकड़ी गई नकली दवाओं की तस्वीरें मिलीं, जिससे टीम को अन्य छिपी हुई दवाओं तक पहुंचने में मदद मिली।
जानकारी के अनुसार, 16 दिसंबर को रायपुर और रायगढ़ से पहुंचे चार FDA अधिकारियों ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ में छापेमारी की थी। उस समय केवल 2 लाख 24 हजार रुपए मूल्य की दवाइयां जब्त की गईं। बाद में पता चला कि घर में लाखों रुपए की दवाइयां और मौजूद थीं, जिससे विभाग पर लापरवाही और खानापूर्ति के आरोप लगे।
FDA ने शुरुआती जांच में बताया कि जब्त की गई दवाओं का संबंध इंदौर और नागपुर से होने की संभावना है। जांच के तहत तीन दवाओं के सैंपल रायपुर लैब में परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। साथ ही कारोबारी और उससे जुड़े अन्य व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
रायपुर FDA के सहायक औषधि नियंत्रक संजय कुमार नेताम ने बताया कि यह कार्रवाई उच्च अधिकारियों के निर्देश पर की गई। जब्त दवाओं में ज्यादातर जेनेरिक मेडिसिन शामिल हैं, जिनका बाजार में व्यापक उपयोग होता है। उन्होंने यह भी कहा कि 16 दिसंबर की पहली कार्रवाई में लापरवाही और कथित लेन-देन के मामले में रायपुर और रायगढ़ के चार अधिकारियों पर विभागीय जांच चल रही है।
यह कार्रवाई हिन्दी न्यूज़ पोर्टल, भारत समाचार अपडेट और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध दवा का उपयोग न करें और पुलिस/ FDA को तुरंत सूचना दें। यह मामला एक पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी के रूप में देखा जा रहा है।
