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15 नवंबर महाकाल भस्म आरती: त्रिशूल, त्रिनेत्र और चंद्र से हुआ दिव्य श्रृंगार, अलसुबह उमड़ा भक्तों का सैलाब
Ujjain, MP
मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की एकादशी पर शनिवार तड़के 4 बजे विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के कपाट खुले और अलसुबह भस्म आरती का दिव्य आयोजन संपन्न हुआ। आज भगवान महाकाल का मस्तक त्रिशूल, त्रिनेत्र और चंद्र अर्पित कर विशेष श्रृंगार किया गया, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे।
कपट खुलने के बाद गर्भगृह में स्थापित देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक, फिर दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक संपन्न हुआ।
भस्म आरती की परंपरागत विधि
भस्म अर्पण से पहले प्रथम घंटाल बजाकर ‘हरिओम’ जल अर्पित किया गया। मंत्रोच्चार के बीच शिव ध्यान के बाद कपूर आरती हुई। इसके पश्चात ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर पवित्र भस्म रमाई गई।
तत्पश्चात भगवान को शेषनाग का रजत मुकुट, रजत मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पमालाएं अर्पित की गईं। विशेष आभूषणों और फूलों से किया गया अलंकरण अत्यंत मनोहारी दिखा।

