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भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर सरकारी छुट्टी
Digital Desk
भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं वर्षगांठ पर राज्य सरकार ने छुट्टी की घोषणा की है। 3 दिसंबर को सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। वहीं, मंगलवार शाम को मोमबत्ती रैली निकालकर त्रासदी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
बुधवार को सुबह साढ़े 10 बजे बरकतुल्लाह भवन में सभी धर्मों के तहत प्रार्थना सभा आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम में गैस राहत मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह उपस्थित रहेंगे। सभा में भोपाल गैस त्रासदी के दिवंगत पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और विभिन्न धर्मगुरु धर्मग्रंथों का पाठ करेंगे।
आज शाम श्रद्धांजलि रैली
यूनियन कार्बाइड के जहरीले प्रभाव से पीड़ितों की सेवा करने वाली संभावना ट्रस्ट क्लिनिक आज शाम मोमबत्ती रैली निकाल रही है। यह रैली छोला गणेश मंदिर से शुरू होकर गैस माता मूर्ति तक जाएगी, जहां मृतकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
इसके अलावा, भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन शाम 6 बजे शाहजहाँनी पार्क से मशाल-कैंडिल जुलूस निकालेंगे। संगठन के संयोजक शावर खान ने बताया कि भले ही गैस त्रासदी को 40 साल बीत चुके हैं, लेकिन पीड़ित आज भी इस भयंकर हादसे के दंश झेल रहे हैं।
फैक्ट्री के जहरीले कचरे के कारण आसपास 5 किलोमीटर के दायरे का पानी दूषित है और हजारों लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। शावर खान ने सरकार से आग्रह किया है कि पीड़ितों की स्वास्थ्य स्थिति पर गंभीर ध्यान दिया जाए और उन्हें पर्याप्त मुआवजा प्रदान किया जाए ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर सकें।
भोपाल गैस त्रासदी की पृष्ठभूमि
भोपाल गैस त्रासदी 2-3 दिसंबर 1984 की रात हुई थी। उस रात यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के एक टैंक से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिस गई। पास की बस्तियों में लोग नींद में ही दम तोड़ने लगे।
घटनास्थल पर भगदड़ मची और फैक्ट्री के आसपास कई लोगों की लाशें बिखर गईं। इसे ढोने के लिए गाड़ियां कम पड़ गई थीं। धुंध इतनी घनी थी कि लोगों को पहचानना मुश्किल हो गया।
आज 41 साल बाद भी इस त्रासदी का दर्द लोगों की आंखों में ताजा है। कई लोगों ने अपने पति और बच्चों को आंखों के सामने खोया, जबकि कुछ ने तीन पीढ़ियों को एक साथ गंवा दिया।
