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खंडवा में टंट्या भील वंशजों का चक्का जाम, अवैध शराब बिक्री पर नाराज़गी
Khandwa, MP
बड़ौदा अहीर में महिलाओं ने पंधाना–कालंका मार्ग जाम किया; प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से तत्काल कार्रवाई की मांग
जननायक टंट्या मामा की जन्मभूमि ग्राम बड़ौदा अहीर में अवैध शराब बिक्री के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश बुधवार को सड़क पर उतर आया। सुबह करीब 10 बजे महिलाओं ने पंधाना–कालंका मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया और शराबबंदी की तत्काल मांग उठाई।
ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में कम से कम 10 से अधिक स्थानों पर अवैध शराब बिक रही है। उनका कहना था कि इससे बच्चों और युवाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है और गांव का सामाजिक माहौल बिगड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस सुधार नहीं हुआ।
आक्रोश के कारण और पूर्व शिकायतें
महिलाओं ने बताया कि उन्होंने पहले भी कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के पास आवेदन देकर शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना था कि अवैध शराब बिक्री से सामाजिक, मानसिक और आर्थिक समस्याएं बढ़ रही हैं और महिलाओं को मजबूरी में अपने मायके लौटना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं देंगे तो अगला आंदोलन और भी उग्र होगा।
पुलिस कार्रवाई और जांच
चक्का जाम की सूचना मिलते ही पंधाना थाना प्रभारी दिलीप देवड़ा और उनकी टीम मौके पर पहुंचे। महिलाओं की शिकायत पर पुलिस ने मुकेश, पिता दरियाव सिंह (42), निवासी बड़ौदा अहीर के खिलाफ धारा 34(1) के तहत केस दर्ज किया और अवैध शराब जब्त की।
थाना प्रभारी ने महिलाओं के साथ गांव के कई स्थानों का निरीक्षण किया, जहां अवैध शराब बिक्री की पुष्टि हुई। पुलिस ने चेतावनी दी कि यदि कोई फिर से शराब बेचते पकड़ा गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि गांव में अवैध शराब के खिलाफ लगातार निगरानी और कार्रवाई जारी रहेगी।
विश्लेषण और महत्व
यह विरोध प्रदर्शन ग्रामीणों के बढ़ते असंतोष और प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करता है। टंट्या भील की जन्मभूमि होने के नाते यह घटना सामाजिक चेतना और कानून व्यवस्था के महत्व को भी रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई आवश्यक है ताकि ग्रामीण समुदाय में विश्वास बना रहे और सामाजिक स्थिरता बनी रहे।
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