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उज्जैन में यूरिया को लेकर किसानों का हंगामा: मंडी गेट पर तालाबंदी और आगर रोड पर चक्काजाम, एक घंटे बाद स्थिति सामान्य
Ujjain, MP
टोकन वितरण में अनियमितता से नाराज किसानों ने प्रदर्शन किया; पुलिस और कृषि विभाग के हस्तक्षेप के बाद आंदोलन समाप्त, यूरिया उपलब्धता पर अधिकारियों ने दिया स्पष्टीकरण।
उज्जैन में मंगलवार सुबह कृषि मंडी के बाहर किसानों ने यूरिया उपलब्ध न होने पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। घटना उस समय शुरू हुई जब विभिन्न गांवों से खाद लेने पहुंचे किसानों को लगातार तीसरे दिन भी यूरिया के लिए टोकन नहीं मिला। नाराज किसानों ने मंडी गेट पर ताला जड़ दिया और उज्जैन–आगर रोड पर बैठकर चक्काजाम कर दिया। यह स्थिति लगभग एक घंटे तक बनी रही, जिसके कारण मंडी क्षेत्र में यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
किसानों ने आरोप लगाया कि रोजाना 300 किसानों को यूरिया उपलब्ध कराने का नियम है, लेकिन मंगलवार को केवल 80 किसानों को ही टोकन बांटे गए। कतार में खड़े अधिकांश किसानों को खाद नहीं मिलने से आक्रोश भड़क उठा। प्रदर्शनकारियों में शामिल किसान धीरेन्द्र परमार ने बताया कि “तीन दिन से लाइन में खड़े हैं, लेकिन टोकन नहीं मिलता। नियम 300 का है और दे रहे हैं सिर्फ 80। इससे खेती समय पर कैसे होगी?” वहीं बांसखेड़ी से आए किसान जगदीश ने बताया कि वे रोज घर से रोटी लेकर आते हैं, पूरा दिन लाइन में रहते हैं, लेकिन शाम तक खाद नहीं मिलता।
चक्काजाम के चलते आगर रोड और आसपास के चौराहों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। मंडी के दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंस गए और यातायात व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई। सूचना मिलते ही मंडी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ द्वारा गेट न खोलने पर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।
पुलिस के बाद कृषि विभाग के उप संचालक यूएस तोमर मंडी पहुंचे और किसानों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है और करीब 5 हजार मीट्रिक टन खाद का स्टॉक उपलब्ध है। टोकन वितरण में हुई तकनीकी या प्रबंधन संबंधी त्रुटि को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि समस्या को तुरंत ठीक किया जा रहा है। अधिकारियों के आश्वासन और हस्तक्षेप के बाद किसानों ने चक्काजाम समाप्त कर दिया और यातायात धीरे-धीरे बहाल हुआ।
यह घटना किसानों की खाद उपलब्धता को लेकर बढ़ती चिंता को उजागर करती है, जो वर्तमान कृषि सीजन में एक महत्वपूर्ण पब्लिक इंटरेस्ट स्टोरी बन गई है। सरकारी अपडेट के अनुसार विभाग ने वितरण प्रक्रिया को सुचारू करने के निर्देश दिए हैं ताकि आगे किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। इस घटना ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार पर भी स्थानीय स्तर के कृषि प्रबंधन की चुनौतियों को सामने रखा है।
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