जबलपुर और ग्वालियर होंगे मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र, हाई-स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेस वे से होगा व्यापक विकास

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सीएम मोहन यादव ने लोक निर्माण विभाग को दिए निर्देश, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने का लक्ष्य

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश दिए। इसके तहत जल्द ही जबलपुर और ग्वालियर को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र घोषित किया जाएगा। बैठक में कहा गया कि इन शहरों के आसपास के क्षेत्रों में राजमार्गों का घनत्व बढ़ाया जाए, ताकि शहरी, ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों को समान लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा, जिसमें राष्ट्रीय स्तर के समीप सड़क नेटवर्क का निर्माण और इंटीग्रेटेड शहरी विकास नीति को शामिल किया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव, मंत्री राकेश सिंह, सीएस अनुराग जैन, एसीएस नीरज मंडलोई और एसीएस मनीष रस्तोगी उपस्थित थे।

डॉ. यादव ने कहा कि नए मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में हाई-स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेस वे विकसित किए जाएंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि उज्जैन-इंदौर, इंदौर-उज्जैन और भोपाल पूर्वी बायपास जैसी राज्य वित्त पोषित परियोजनाओं के माध्यम से हाई-स्पीड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही सतना-चित्रकूट, रीवा-सीधी, बैतूल-खंडवा-इंदौर और जबलपुर-झलमलवाड़ा हाईवे का विस्तार भी शामिल होगा।

सीएम ने भवन निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग संकल्पना अपनाने पर जोर दिया और कहा कि लोकपथ ऐप के जरिए सड़क की स्थिति का रियल-टाइम अपडेट दिया जाए। उनका मानना है कि आधुनिक समय की मांग के अनुरूप एक्सप्रेस वे और हाई-स्पीड कॉरिडोर केवल शहरों तक सीमित न रहकर ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करें।

इस पहल से राज्य के उद्योग, व्यापार और आवागमन के क्षेत्र में व्यापक सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों का मेट्रोपॉलिटन दर्जा मिलने से निवेश आकर्षित होगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

लोक निर्माण विभाग अब विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रहा है, जिसमें राजमार्गों का घनत्व, शहरी योजना और औद्योगिक विकास के संतुलन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर अंत तक प्रारंभिक निर्माण कार्य शुरू होंगे और जून 2027 तक अधिकांश हाई-स्पीड कॉरिडोर और एक्सप्रेस वे परियोजनाएँ पूरी करने का लक्ष्य है।

इस फैसले के पीछे मुख्यमंत्री का उद्देश्य केवल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार नहीं है, बल्कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास सुनिश्चित करना भी है। आगामी वर्षों में इन मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में आवास, रोजगार और परिवहन के नए अवसर खुलने की संभावना है।


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